Nasik – Waseem Raza Khan
महायुति गठबंधन को जनता से भारी जनादेश मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अजित पवार और एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. मंत्रिमंडल का विस्तार नागपुर में हुआ, जिसमें कई नए चेहरों को मौका दिया गया और विभागों का बंटवारा किया गया लेकिन हाल के दिनों में महायुति गठबंधन के भीतर पालक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर आम सहमति नहीं बन पाई है. हालांकि, पालक मंत्रियों की सूची आखिरकार घोषित कर दी गई, लेकिन फैसले अभी भी लंबित हैं.
महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में अदिति तटकरे को रायगढ़ और गिरीश महाजन को नाशिक का संरक्षक मंत्री घोषित किया है लेकिन इस फैसले से पार्टी कार्यकर्ताओं में व्यापक असंतोष फैल गया, जिसके कारण तटकरे और महाजन दोनों की नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई. महाजन को नाशिक का पालक मंत्री नियुक्त करने का फैसला विशेष रूप से विवादास्पद रहा, दादा भुसे ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है. महाजन की नियुक्ति पर रोक से शिवसेना कार्यकर्ताओं को राहत मिली है, जो शुरुआती फैसले से नाखुश थे. शिवसेना शिंदे गुट के उपनेता अजय बोरास्ते ने एक अहम दावा करते हुए कहा कि पार्टी किसी पद की मोहताज नहीं है.उन्होंने बताया कि जब से शिक्षा मंत्री भूसे साहब ने शपथ ली है, तब से वे शिक्षा व्यवस्था में बदलाव के लिए काम कर रहे हैं. बोरास्ते ने कहा कि सभी पार्टी कार्यकर्ता अपना खुद का पालकमंत्री चाहते हैं.
मुख्यमंत्री करेंगे घोषणा :
नाशिक के लिए कुछ अच्छी खबरें आने वाली हैं. संभावना है कि दादा भुसे को नाशिक का पालक मंत्री घोषित किया जाएगा. आखिरकार, अंतिम निर्णय शिंदे साहब को लेना है. इस बीच, अजीत पवार ने पुणे और बीड दोनों के लिए संरक्षक मंत्री की भूमिका निभाई है.