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प्रशासन की लापरवाही के कारण 8 वर्षीय बालक की मौत – स्पीड बंप की मांग को नजरअंदाज कर रहा प्रशासन

Waseem Raza Khan मालेगांव. सोयगांव मुख्य सड़क पर एक तेज रफ्तार वाहन ने रविवार, 12 तारीख को शाम के समय साड़े चार बजे के आसपास 8 वर्षीय आदित्य पाल नामक लड़के को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने सड़क पर गतिरोधक लगाने की मांग की, लेकिन प्रशासन ने इस मांग को अनदेखा किया, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई. स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि यह प्रशासन की लापरवाही और राजनीतिक उदासीनता का परिणाम है. रविवार शाम के समय साड़े चार बजे के आसपास आदित्य ब्रिजेश पाल (8) पतंगबाजी के शौक में मुख्य सड़क पर दौड़ रहा था, तभी टेहेरे चौफुली (बच्छाव सर्कल) से आ रही एक कार ने उसे कुचल दिया. घटना की गंभीरता को समझे बिना कार चालक मौके से फरार हो गया, जिससे स्थानीय निवासी आक्रोशित हो गए और वाहन चालक के खिलाफ हिट एंड रन का मामला दर्ज करने की मांग की जा रही है. रात में बच्छाव सर्कल पर गुस्साए युवाओं ने रास्ता रोको का प्रदर्शन किया. अगर इस मार्ग पर गतिरोधक होते तो यह घटना निश्चित रूप से टल जाती. यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. आदित्य की मौके पर ही मौत हो गई, यह बात आसपास के नागरिकों ने बताई. आदित्य के पिता टाइल्स फिटिंग का काम करते हैं. इस घटना के बाद जमा हुए नागरिकों ने कहा कि यह प्रशासन की लापरवाही का परिणाम है और उन्होंने सवाल उठाया कि कितने और निर्दोष लोगों की जान जाएगी. आसपास के नागरिकों का आरोप है कि इस दुर्घटना के लिए प्रशासन के साथ-साथ उदासीन राजनीतिक नेतृत्व भी जिम्मेदार है.  सोयगाव-चर्चगेट सड़क के निर्माण के बाद से ही वाहन तेजी से चलने लगे थे. इस मुख्य मार्ग को कई स्थानों पर काटकर जोड़ा गया है, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. स्थानीय निवासियों ने गतिरोधक लगाने की मांग की, लेकिन संबंधित विभाग ने इस मांग को अनदेखा किया. मई-जून में गतिरोधक लगाने के बाद निवासियों ने राहत की सांस ली, लेकिन अक्टूबर में कृषि विश्वविद्यालय के उद्घाटन के लिए पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आने के कारण सड़क से गतिरोधक हटा दिए गए. जब गतिरोधक हटाने वाले कर्मचारियों से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि साहेब ने हटाने का आदेश दिया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह साहेब प्रशासनिक या राजनीतिक थे. नागरिकों ने समय-समय पर गतिरोधक को बनाए रखने की मांग की, लेकिन प्रशासन ने इस मांग को अनदेखा किया और आज एक निर्दोष 8 वर्षीय बच्चे की जान चली गई. इस मार्ग पर अब तक लगभग सात से आठ लोगों की जान जा चुकी है. पिछले साल भी एक तेज रफ्तार ट्रक ने एक कॉलेज जाने वाली युवती की जान ले ली थी. इन घटनाओं से पहले भी कई लोगों की जान इस मार्ग पर चली गई है, जिनमें माएं-बेटियां, मामा-भाचा शामिल हैं.

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