जलगांव. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की 100 दिवसीय कार्ययोजना की घोषणा की गई है, और इसके संबंध में महाराष्ट्र राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के खाद्य सुरक्षा आयुक्त ने 13 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से निर्देश जारी किए हैं. निर्देशों में खाद्य व्यवसायों के लाइसेंस/पंजीकरण, धड़क अभियान, दूध और डेयरी उत्पाद के नमूने, फॉस्टैक प्रशिक्षण, स्वच्छता रेटिंग और ईट राइट कैंपस पहल जैसे विभिन्न कार्यों को प्रभावी ढंग से लागू करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने तथा जनता को उपलब्ध दूध एवं डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए राज्यव्यापी सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है. 100 दिवसीय कार्ययोजना के तहत प्रशासन ने खाद्य प्रतिष्ठानों का निरीक्षण करने तथा विश्लेषण के लिए नमूने एकत्र करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है. इस पहल का उद्देश्य दूध एवं डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता की जांच करना, मिलावट को रोकना तथा जनता को सुरक्षित एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है. यह अभियान राज्य में खाद्य सुरक्षा एवं गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों का हिस्सा है.
इसके तहत 15 जनवरी को जलगांव जिले में विशेष अभियान चलाया गया. इस अभियान के दौरान विभिन्न प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया और विभिन्न ब्रांडों के दूध और डेयरी उत्पादों के कुल 14 नमूने जांच के लिए लिए गए. इसके अलावा मेसर्स रविराज एजेंसी, विसांजी नगर, जलगांव में लगभग 4,095 रुपये मूल्य के दूध और डेयरी उत्पादों का स्टॉक एक्सपायर पाया गया. सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में, इस स्टॉक को विक्रेता की उपस्थिति में तुरंत नष्ट कर दिया गया ताकि इसका दोबारा उपयोग न हो सके. खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006, नियम और विनियम के तहत आगे की कार्रवाई प्रस्तावित है. खाद्य एवं औषधि प्रशासन के खाद्य सुरक्षा आयुक्त राजेशजी नार्वेकर, अतिरिक्त आयुक्त (नाशिक विभाग) एमएन. चौधरी, जलगांव जिले के सहायक आयुक्त (खाद्य) एसके. कांबले और खाद्य सुरक्षा अधिकारी केए. सालुंखे और एसएम. पवार द्वारा सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. यह जानकारी जलगांव जिले के सहायक आयुक्त (खाद्य) एसके. कांबले ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से साझा की.