धुलिया।@वाहिद काकर
शहर की पुलिस व्यवस्था पर एक बदमाश ने चुनौती खड़े कर दिया है।एक रिकॉर्डधारी सट्टेबाज अपराधी ने दिनदहाड़े ट्रैफिक पुलिस पर हमला बोल दिया, तीन-तीन पुलिसकर्मियों को सरेराह पीटा, थाने में महिला कर्मी से बदसलूकी की, कुर्सी तोड़ी और एसपी ऑफिस पहुंचकर खिड़की का शीशा चकनाचूर कर दिया। इतना सब होने के बाद भी पुलिस ने सिर्फ एनसी दर्ज कर आरोपी को छोड़ दिया। देर शाम जाकर आईपीसी की धारा 353 के तहत केस दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू हुई। सवाल यह कि क्या कोई आला अधिकारी या राजनेता का आशीर्वाद है इस ‘सट्टा किंग’ पर? पुलिस क्यों इतनी मजबूर नजर आ रही है?
रविवार की शाम सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने धूलिया पुलिस की वर्दी को दागदार कर दिया। घटना दोपहर साढ़े तीन से चार बजे के बीच आग्रा रोड-पांच कंदील इलाके की है। ट्रैफिक पुलिस की टीम यातायात व्यवस्था पर नजर रखते हुए गश्त कर रही थी। तभी शराब के नशे में धुत सोपान पाटील नामक व्यक्ति आया। पुलिसकर्मियों ने उसे सड़क किनारे होने को कहा, जिस पर वह भड़क उठा। दिनदहाड़े सरेराह एएसआई फूलपागरे, दीपक सैदाने और कुलकर्णी के साथ धक्का-मुक्की और हाथापाई शुरू कर दी। आसपास के लोगों ने इस मारपीट और गाली-गलौज का वीडियो बनाया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस की साख पर बट्टा लग गया!
ट्रैफिक पुलिस ने आरोपी सोपान पाटील को पकड़कर केस दर्ज कराने आजाद नगर थाने ले गए। लेकिन वहां भी उसका तांडव जारी रहा। थाना प्रभारी के सामने ही उसने यातायात पुलिसकर्मी की फिर से पिटाई की, थाने की एक कुर्सी तोड़ डाली। इतना ही नहीं, थाने में तैनात महिला कर्मी से बदसलूकी की और गाली-गलौज किया। लेकिन आजाद नगर पुलिस ने मामला रफा-दफा करने की कोशिश की और सिर्फ एनसी दर्ज कर आरोपी को छोड़ दिया। क्या पुलिस अपराधियों के आगे घुटने टेक रही है?
हौसले इतने बुलंद हुए कि आरोपी सीधे एसपी कार्यालय पहुंच गया। वहां उसने कार्यालय की खिड़की का शीशा तोड़ दिया। पांच कंदील इलाके में एसडीपीओ सिटी की स्ट्राइकिंग फोर्स तैनात थी, जो महज 3 मिनट की दूरी पर थी। लेकिन हंगामा होने के बावजूद कोई नहीं पहुंचा। अगर शहर में कोई बड़ा हादसा हो जाए, तो ये फोर्स कैसे वक्त पर मदद पहुंचाएगी? एसपी ऑफिस में तैनात एक पुलिसकर्मी ने आरोपी को पकड़ने की बजाय बाइक पर बिठाकर उसके घर छोड़ दिया। आखिर एक बदमाश के आगे पुलिस इतनी लाचार क्यों?
गौरतलब है कि शुक्रवार को भी सोपान पाटील ने सिटी पुलिस स्टेशन में जमकर हंगामा मचाया था। शोर-शराबा करते हुए एक पुलिसकर्मी का लैपटॉप उठाकर फेंक दिया, लेकिन पुलिस ने कोई केस दर्ज नहीं किया। शहर में चर्चा गर्म है कि इस सट्टेबाज को किस आला अधिकारी या राजनेता का आशीर्वाद मिला हुआ है? पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर सिटी और आजाद नगर थाने में मारपीट के बावजूद सरकारी काम में बाधा डालने का केस घंटों बाद क्यों दर्ज हुआ? पुलिसकर्मियों में भी खुसुर-फुसुर है कि देरी क्यों? क्या कोई ‘बड़ा हाथ’ आरोपी को बचा रहा है?
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपी पर पहले से सट्टेबाजी के कई मामले दर्ज हैं। लेकिन हर बार वह बच निकलता है। शहरवासी सवाल उठा रहे हैं- क्या पुलिस अपराधियों की जेब में है? धुलिया पुलिस को अपनी साख बचानी है, तो सख्त कार्रवाई जरूरी! मामले की जांच जारी है, लेकिन सवाल वही- कब तक अपराधी पुलिस पर भारी पड़ेंगे?
सोपान पाटील पर दो मामले दर्ज
सडगांव निवासी सोपान पाटील के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हंगामा करने, कांच और पौधों की तोड़फोड़ करने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि उन्होंने एक पुलिसकर्मी पर हमला भी किया।
घटना 31 अगस्त को दोपहर करीब दो बजे की है। शिकायतकर्ता सतीश गंगाराम फुलपगारे के अनुसार, सोपान पाटील ने न केवल पुलिस अधीक्षक कार्यालय के स्वागत कक्ष में उपद्रव किया, बल्कि शहर चौकी के पास इंदौर कॉटन सेल दुकान के सामने भी ट्रैफिक शाखा के कर्मचारियों फुलपगारे, सैंदाणे और पाटील से विवाद कर गाली-गलौज की थी।इस मामले में दो अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गई हैं। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में हंगामे को लेकर दिनेश सुभाष नवसारे की शिकायत पर शहर पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ है, जबकि ट्रैफिक शाखा के सामने हुई घटना को लेकर फुलपगारे की शिकायत पर आजाद नगर पुलिस थाने में अलग मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।