Nasik – Correspondent
संतोष देशमुख मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है, जब आरोप लगाया गया कि फरार आरोपी वाल्मिक कराड और विष्णु चाटे ने दिंडोरी में स्वामी समर्थ केंद्र में एक कार्यक्रम में भाग लिया था. यह दावा भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख और सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने किया है. संतोष देशमुख की हत्या को 2 महीने हो चुके हैं और आरोपी कृष्णा आंधले अभी भी फरार है. विवाद को और बढ़ाते हुए पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे ने आज नाशिक में स्वामी समर्थ केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई. आरोप सामने आए हैं कि संतोष देशमुख हत्याकांड के आरोपी वाल्मीक कराड और विष्णु चाटे ने 15 और 16 दिसंबर को नाशिक के दिंडोरी स्थित स्वामी समर्थ केंद्र में शरण ली थी. तृप्ति देसाई के अनुसार दोनों व्यक्ति आश्रम में रुके और 17 दिसंबर को चले गए. इन आरोपों के जवाब में स्वामी समर्थ केंद्र के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि वाल्मीक कराड 16 दिसंबर को दर्शन के लिए आश्रम आए थे और उसके बाद चले गए. उन्होंने कहा कि यह दत्तजयंती सप्ताह के दौरान था और आश्रम में कई भक्त आए थे, जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया था कि कौन मौजूद था. तृप्ति देसाई ने मांग की कि अगर आश्रम ने आरोपियों को शरण दी है, तो अधिकारियों को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उन्हें मामले में सह-आरोपी मानना चाहिए.
स्वामी समर्थ केंद्र कार्यक्रम में पंकजा मुंडे की उपस्थिति : स्वामी समर्थ केंद्र द्वारा आयोजित वैश्विक कृषि महोत्सव इस समय नाशिक में चल रहा है. पंकजा मुंडे इस कार्यक्रम में शामिल हुईं, लेकिन खास बात यह है कि इस संगठन के संस्थापक अन्नासाहेब मोरे इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे. हालांकि, उनके बेटे अबासाहेब मोरे इस महोत्सव में मौजूद थे. पंकजा मुंडे की मौजूदगी ने कई तरह की अटकलों और चर्चाओं को जन्म दिया है. इस बीच स्वामी समर्थ केंद्र के प्रतिनिधि आबासाहेब मोरे ने आज कार्यक्रम में कहा कि स्वामी समर्थ केंद्र अब किसी भी मुद्दे में शामिल नहीं होगा क्योंकि अच्छा काम करने के लिए बहुत मेहनत लगती है, लेकिन कोई कुछ गलत कह देता है और वह खबर बन जाती है, तृप्ति देसाई द्वारा लगाए गए आरोपों को अबासाहेब मोरे ने उठाया.