Malegaon – Waseem Raza Khan (Chief Editor)
पिछले कुछ माह से मालेगांव शहर में शिक्षा संस्थातों पर कडी नजर रखते हुए कुछ समाज सेवक द्वारा संस्थानों को निशाना बनाया जा रहा है, उनकी जांच में कई बडे संस्थानों के करोडों रुपयों और अवैध भर्ती और रिश्वतखोरी के मामले भी सामने आए हैं, इस संबंध में शहर में कई लोगों पर आरोप लगाते हुए एफआईआर भी दर्ज की गई है. 3 दिन पहले भी मालेगांव में उर्दु माध्यम की एक बडी संस्था अंजुमन मुईनुत्तुलबा पर भी शिकायत दर्ज हुई है. इस संबंध में मालेगांव बाहरी के विधायक और शिक्षा मंत्री को भी कई बार शिकायत की गई और उन्होंने विधानसभा सत्र में भी इस मामले को उठाया और कार्रवाई करने को कहा लेकिन शहर के स्वघोषित समाज सेवक और यूट्यबर शिक्षा संस्थानों में घोटालों उजागर करने में अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं, शिकात है कि यह लोग अपने किसी नेता के इशारे पर काम कर रहे हैं और उनके इस प्रकार की काम से छोटे संस्थान जो किसी भी मामले में लिप्त नहीं हैं, उन्हें सरकारी जांच और बिना किसी काम के समय की बरबादी का डर सताने लगा है, इससे छात्रों की पढाई का नुकसान होने की भी आशंका जताई जा रही है. माना जा रहा है कि शहर के राजनीतिक गुर्घों को उनका ‘कट’ मिलना बंद हो गया है इसलिए वे स्वघोषित समाज सेवकों और यूट्यूबरों को जो खुद को पत्रकार बताते हैं उन से काम लेकर भ्रष्टाचार उजागर करने लगे हैं ताकि संस्थान उनका हिस्सा शुरू रखें. ऐसी चर्चा मालेगांव की जनता में की जा रही है. ऐसे में नुकसान उन संस्थानों को भी हो सकता है जो किसी भी मामले में लिप्त नहीं हैं, अभिभावकों को भी चिंता है कि जांच के दौरान छात्रों की पढाई का भारी नुकसान होगा. जिन संस्थानों पर आरोप हैं वे अपने आरोपों की लडाई न्यायालय में लडेंगे लेकिन शहर के यूट्यबर अपने नेताओं के इशारों पर मामले को हवा देते हुए जनता को गुमराह कर रहे हैं, ऐसे में शिकायत की जा रही है कि पुलिस प्रशासन को ऐसे यूट्यूब चैनलों और समाजसेवकों पर रोक लगाना होगा.