Jalgaon – Wahid Kakar
अमलनेर और पारोला तहसील की सीमा पर बसे घने जंगल में एक के बाद एक दो महिलाओं की हत्या ने सनसनी फैला दी है। जानवे और सुमठाणे गांवों के बीच फैले इस जंगल में पहले एक महिला का शव मिला था, और अब उसी स्थान से महज 800 मीटर की दूरी पर एक और महिला का कंकाल बरामद हुआ है। पुलिस को शक है कि दोनों हत्याओं के तार एक ही खूंखार अपराधी से जुड़े हो सकते हैं।
पहली हत्या शोभाबाई की बेरहम मौत
पारोला तहसील के उंदिरखेड़ा गांव की रहने वाली 48 वर्षीय शोभाबाई रघुनाथ कोली, जो एक घरेलू कामगार थीं, की लाश सुमठाणे शिवार में मिली थी। पुलिस ने इस मामले में सुमठाणे निवासी अनिल गोविंदा संदानशिव को गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ कि अनिल ने गहनों और पैसे की लालच में शोभाबाई की हत्या की। उसने सुनियोजित तरीके से इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया।
दूसरी घटना: रहस्यमयी कंकाल और आधार कार्ड
शोभाबाई के शव वाली जगह से 800 मीटर की दूरी पर जंगल में कुछ हड्डियां, खोपड़ी और एक आधार कार्ड मिला। जांच में पुष्टि हुई कि यह कंकाल एरंडोल तहसील के फरकांडे गांव की वैजंताबाई भोई का है। वैजंताबाई गुजरात के सूरत में रहती थीं और पिछले ढाई महीने से लापता थीं। इस खुलासे ने पुलिस की जांच को नया मोड़ दे दिया।
क्या है दोनों हत्याओं का कनेक्शन
पुलिस को आशंका है कि दोनों हत्याओं के पीछे एक ही अपराधी का हाथ हो सकता है। जांच अधिकारी मानते हैं कि आरोपी ने पहले वैजंताबाई की हत्या की और फिर उसी सुनसान जंगल में शोभाबाई को निशाना बनाया। इस जंगल में आमतौर पर कोई आता-जाता नहीं, सिवाय कुछ मवेशियों के। पहली हत्या की वजह से यह जगह अपराधी के लिए सुरक्षित लगी होगी, जिसके चलते उसने दोबारा उसी स्थान का इस्तेमाल किया।
पुलिस दोनों मामलों को जोड़कर गहन जांच कर रही है। क्या अनिल ही दोनों हत्याओं का मास्टरमाइंड है, या कोई और अपराधी इस जंगल को अपने खूनी खेल का अड्डा बना रहा है? जांच में नए सुरागों का इंतजार है। स्थानीय लोग दहशत में हैं और पुलिस से जल्द से जल्द इस मर्डर मिस्ट्री को सुलझाने की मांग कर रहे हैं।
जलगांव पुलिस की नजर अब इस जंगल के हर कोने पर है। क्या सच्चाई सामने आएगी, या यह मिस्ट्री और गहरी होगी?