Waseem Raza Khan. नासिक. सिंहस्थ कुंभ मेले की योजना बनाने में आमतौर पर 4-5 साल लगते हैं लेकिन अगले कुंभ मेले से पहले सिर्फ़ दो साल बचे हैं, इसलिए योजना प्रक्रिया तय समय से पीछे चल रही है. प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए अगले हफ़्ते स्थानीय स्तर पर एक विस्तृत बैठक आयोजित की जाएगी. इसके अलावा, उन आरोपों की भी जांच की जाएगी कि साधु ग्राम के लिए ज़मीन देने वाले किसानों के बजाय कुछ लोगों को ज़मीन अधिग्रहण के लिए मुआवज़े के तौर पर बड़ी रकम (करोड़ों में) मिली. दोषी पाए जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आगामी कुंभ मेले की देखरेख कर रहे मंत्री गिरीश महाजन ने आयोजन के बारे में जानकारी साझा की. कुंभ मेले की तैयारियों का अध्ययन करने के लिए अधिकारी प्रयागराज जाएंगे. प्रशासनिक हलकों में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि कुंभ मेले की योजना तय समय से पीछे चल रही है. देरी से बचने के लिए, आयोजन के सभी पहलुओं पर चर्चा करने के लिए जल्द ही एक व्यापक बैठक आयोजित की जाएगी.
मंत्री गिरीश महाजन ने कहा है कि साधुग्राम के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा दिया जाना चाहिए लेकिन, भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया के दौरान अन्य लोगों को ऐसी जमीन के लिए पैसे दिए गए, जिसकी जरूरत ही नहीं थी. साधुग्राम के लिए आरक्षित जमीन का कोई मुआवजा नहीं मिला. महाजन ने आश्वासन दिया है कि नियमों का उल्लंघन करके करोड़ों रुपये प्राप्त करने वालों की पहचान कर उन्हें जवाबदेह बनाया जाएगा. मनपा द्वारा संदिग्ध भूमि अधिग्रहण की जांच अगले कुछ दिनों में की जाएगी, जिसके बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
संक्रांति के बाद पालकमंत्री पद पर निर्णय :
मंत्री गिरीश महाजन ने घोषणा की है कि महाराष्ट्र में पालक मंत्रियों की नियुक्ति के बारे में मकर संक्रांति के बाद निर्णय लिया जाएगा. नाशिक के पालक मंत्री का पद वर्तमान में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार), भाजपा और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के बीच विवाद का विषय है. नाशिक के दौरे पर आए महाजन ने मजाक में कहा कि वे कोई निर्देश लेने नहीं आए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि निर्णय जल्द ही लिया जाएगा. पालक मंत्रियों की घोषणा में देरी से अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन महाजन के बयान से लगता है कि इंतजार जल्द ही खत्म हो जाएगा.