Nasik – Correspondent
नाशिक में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां नाशिक कैंटोनमेंट में तैनात नायक संदीप सिंह को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. सिंह पर अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके आईएसआई के साथ संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा करने का आरोप है. उसके पास से 3 मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं और फोरेंसिक जांच चल रही है. शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने वाले एसएसपी चरणजीत सिंह सोहल और एसपी हरिंदर सिंह के मुताबिक, सिंह ने कई महत्वपूर्ण सैन्य जानकारी बेची थी और अपने कामों के लिए विभिन्न स्रोतों से करीब ₹15 लाख प्राप्त किए थे.
क्या था मामला?
2015 में भारतीय सेना में शामिल हुए नायक संदीप सिंह पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने और व्हाट्सएप के माध्यम से तैनाती विवरण, शिविर स्थान और हथियारों की तस्वीरों सहित संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा करने का आरोप लगाया गया है. पुलिस जांच में पता चला है कि सिंह को अपनी सेवाओं के लिए लगभग ₹15 लाख मिले थे. सिंह की हरकतें राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन हैं और इस घटना ने भारत के सैन्य रहस्यों की भेद्यता के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं. पुलिस इस मामले की आगे की जांच कर रही है ताकि आईएसआई के साथ सिंह की भागीदारी की सीमा का पता लगाया जा सके और किसी भी संभावित सहयोगी की पहचान की जा सके.
मुखबिरी के लिए 15 लाख लिए :
भारतीय सेना के एक जवान नायक संदीप सिंह को पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. सिंह से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसके 3 मोबाइल फोन की जांच शुरू कर दी है. सिंह और उसके साथियों ने कथित तौर पर आईएसआई के साथ संवेदनशील सैन्य जानकारी साझा की, जिसमें नाशिक, जम्मू और पंजाब में सैन्य ठिकानों की तस्वीरें, हथियारों का विवरण और अधिकारियों की तैनाती की जानकारी शामिल है. पुलिस ने सिंह को पटियाला से गिरफ्तार किया, जहां वह छुट्टी पर था. यह अपनी तरह की पहली घटना नहीं है, इससे पहले नाशिक कैंटोनमेंट के कांस्टेबल अमृतपाल सिंह को भी एक सुनसान जगह पर आईएसआई से ₹2 लाख लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सिंह की हरकतें राष्ट्रीय सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन हैं और पुलिस आइएसआई के साथ उसकी संलिप्तता की जांच कर रही है. कथित तौर पर उसे पिछले 2 सालों में संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए ₹15 लाख मिले थे. पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है और आगे की जांच जारी है. आरोपी कुछ दिन पहले छुट्टी पर गया था, वह छुट्टियां मनाने पटियाला गया था. मौका मिलते ही घरिंडा थाने की पुलिस ने उसे पटियाला से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई खुलासे किए हैं.