Sinnar – Staff Reporter
जिला परिषद का कुप्रबंधन उस समय चर्चा में आ गया जब एक वर्ष पहले मर चुके और स्वैच्छिक रूप से सेवानिवृत्त हो चुके 2 शिक्षकों को सिन्नर तहसील के 2 स्कूलों में प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त कर दिया गया. हाल ही में जिला परिषद ने जिले में 56 शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश जारी किए, जिससे उन्हें प्राथमिक शिक्षकों के रूप में उनके पिछले पदों पर बहाल कर दिया गया. जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित ये आदेश 27 जनवरी को जारी किए गए. नियुक्तियों में भरतपुर के स्कूल में सचिन एस वाघ, एक शिक्षक जिनका सितंबर 2023 में निधन हो गया, और विद्यानंद आर तिड़के, जिन्होंने पंगरी के स्कूल से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली, शामिल हैं. दिलचस्प बात यह है कि भरतपुर के ग्रामीण नियुक्ति को लेकर मंगलवार 28 जनवरी को शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आडे हाथों ले लिया. इस घटना ने सिन्नर पंचायत समिति के शिक्षा विभाग और जिला परिषद के बीच समन्वय की कमी को उजागर किया है लेकिन इसके कारण अब स्कूलों को नए शिक्षकों की नियुक्ति के लिए फिर से इंतजार करना पड़ेगा. विघ्नवाड़ी जिला परिषद स्कूल में 89 छात्र हैं और 5वीं तक की कक्षाएं हैं. वहां 3 शिक्षक कार्यरत हैं और नियमों के अनुसार एक और शिक्षक की आवश्यकता है. पांगरी स्कूल में 221 छात्र हैं और वहां सात शिक्षक कार्यरत हैं. वहां भी एक शिक्षक का पद रिक्त है.
अधिकारियों की टालमटोल : इस उलटफेर की प्रक्रिया में शिक्षा विभाग से शिक्षकों की जानकारी को अपडेट करके शिक्षकों को उनके पिछले पदों पर बहाल करने की अपेक्षा की गई थी. सिन्नर के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने एक अद्यतन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का दावा किया है, जबकि जिला परिषद ने इससे इनकार किया है. यह आश्चर्यजनक है कि दो शिक्षकों को पुरानी जानकारी के आधार पर नियुक्त किया गया था, जिससे प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं.