Nasik – Waseem Raza Khan
शहर में इन दिनों रमजान माह में लगने वाले बाजारों की भीड का फायदा ड्रग पैडलर्स को भरपूर मिल रहा है. पिछले कुछ माह में कई पैडलर्स पुलिस की पकड में आए हैं लेकिन अब भी कई लोग यहां तक की शहर में घूमने वाले भिकारियों से भी मोटी रकम मिलने का लालच देकर नशे का कारोबार कराया जा रहा है. रमजान के पवित्र माह में लगने वाले बाजारों की भीड का फायदा उठा कर यह ड्रग पैडलर्स और खरीदार अपना नशे का शौक और व्यापार जारी रखे हुए है और पुलिस प्रशासन के नाक के नीचे भीड में सौदेबाजी जोरों पर हैं. शहर का पुराना नाशिक इलाका जो भद्रकाली और मुंबई नाका पुलिस थानों के अंतर्गत आता है यहां शाम को इफ्तार के लिए लगने वाली मंडी में नशे का कारोबार धडल्ले से किया जा रहा है. दूध बाजार, वडाला रोड के साथ इंदिरा नगर पुलिस थाना के हद्द में आने वाले वडाला गांव में भी एमडी पावडर के सौदागर अपना कारोबार आसानी से कर रहे हैं. जो खरीदार हैं उन्हें पता होता है कि कौन सा शख्स कहां किस भेस में या किस दुकान में खडा है. यहां तक कि सूत्रों का कहना है कि बाजारों में घूमने वाले भिकारी भी एमडी और अन्य नशे के कारोबार से जुडे हुए हैं. ऐसे कई भिकारी हैं जो फ्लाई ओवर के आसपास, वडाला रोड, पखाल रोड से वडाला गांव तक भीख मांगते हुए घूमते या वहीं डेरा डाले बैठते हैं उनके पास भी खरीदारों को ‘माल’ मिल जाता है. इन इलाकों में भीडभाड के कारण पुलिस का गश्त दोपहर के समय और रोजा इफ्तार के बाद होता है जिस समय यह सारे पैडलर्स इन इलाकों से गायब हो जाते हैं. वडाला रोड पर फलों और खाद्य पदार्थ के व्यापारियों के अनुसार रोज सैकडों नए चेहरे भिकारियों के रूप में इलाकों में घूमते हैं. नागरिकों को पूरा संदेह है कि इन इलाकों में बसने वाले भिकारी एमडी पावडर के पैडलर्स हैं. नागरिकों की शिकायत के अनुसार पुलिस समय पर भीडभाड के समय यहां कार्रवाई करेगी तो कई अवैध कारोबारियों को पडक सकती है लेकिन पुलिस प्रशासन इस ओर से आंखे मूंदे हुए हैं. लोग पुलिस को भी संदेह की निगाह से देखने लगे हैं और चर्चा है कि ड्रग कारोबारियों को खुला छोड दिया गया है जिसके कारण वे पूरे धडल्ले से नशे का कारोबार कर रहे हैं. इन इलाकों में गश्त करने के लिए जो पुलिस की टुकडियां तैनात हैं उन्हें हर नए लोगों और वहां भीक मांगने वाले और फ्लाईओवर के आसपास रहने वाले भिकारियों की जांच करनी चाहिए. साथ ही स्थानीय निवासियों की सहायता और उनके संदेह पर ध्यान देते हुए अपराध पर नजर रखना पुलिस का कर्तव्य है. भीडभाड में नशे का सौदा करने वाले और नशाखोर किसी का धर्म और जात और त्योहार की पवित्रता को नहीं देखते, उनका धर्म केवल अपराध होता है, ऐसे में पुलिस को ही नागरिकों की रक्षक बनकर नशे के कारोबार को खत्म करना होगा.