Nasik – Staff Reporter
गोविंद नगर इंदिरा नगर टनल से सिटी सेंटर मॉल मुख्य मार्ग तक ठेलों के अतिक्रमण के कारण ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की संख्या में वृद्धि हुई है. इसी अतिक्रमण के कारण सदाशिव नगर के पास एक तेज रफ्तार फॉर्च्यूनर ने सात लोगों को टक्कर मार दी, जिसमें 38 वर्षीय शिक्षक भी शामिल थे, जिनकी गन्ने का रस पीने के दौरान मौत हो गई. इसके बाद एक बार फिर इस जगह पर अतिक्रमण का मुद्दा खड़ा हो गया है और नागरिक अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे हैं.
स्थानीय नागरिक और सामाजिक कार्यकर्ता कैलास हिरामन चुंभले के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम की लापरवाही का कड़ा विरोध किया है. पिछले पांच साल में इस सड़क पर सैकड़ों दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन प्रशासन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का आरोप है.
शाम होते ही यह सड़क अतिक्रमण से पट जाती है. खाद्य विक्रेताओं द्वारा सड़कों पर कूड़ा फेंक दिया जाता है, शराब की बोतलें भी मिल जाती हैं, इसलिए आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ रही है. इससे यहां के नागरिकों को परेशानी हो रही है और प्रशासन से तुरंत सख्त कार्रवाई करने की मांग की जा रही है.
स्थानीय नागरिकों और जॉगर्स समूहों ने जल्द ही आंदोलन की चेतावनी दी है. यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि प्रशासन ने तत्काल कदम नहीं उठाया तो महामारी फैलने की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की होगी.
चौराहे पर लगा एक बैनर चर्चा का विषय बना –
जो लोग सड़क पर किसी भी प्रकार का खाद्य पदार्थ या अन्य सामान बेचते हैं, उन्हें यहां अपना ठेला खड़ा नहीं करना चाहिए. यदि ऐसा है तो संबंधित विक्रय धारकों के विरूद्ध स्थानीय नागरिकों एवं प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही की जायेगी. यदि आपकी वजह से कोई दुर्घटना होती है या ट्रैफिक जाम होता है तो इसके लिए पूरी तरह से आप जिम्मेदार होंगे. हम स्थानीय नागरिक किसी भी भाई, अन्ना, नाना के दबाव में नहीं आएंगे. यदि किसी ने हफ्ता दिया या लिया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
विजय भदाणे, गर्जना फाउंडेशन एक सामाजिक संस्था
प्रतिक्रिया,
गोविंद नगर क्षेत्र में सड़क के दोनों ओर रेलिंग और सीढ़ियों पर अतिक्रमण हो गया है. यदि समय रहते इसे हटा दिया गया होता तो आज यह हादसा नहीं होता. इस संबंध में अतिक्रमण उपायुक्त मयूर पाटिल से बात की गई है और उन्होंने कहा कि वे जल्द ही अतिक्रमण हटा देंगे. यदि नहीं तो आंदोलन शुरू किया जाएगा.
अजिंक्य चुंबले, शिकायतकर्ता
प्रतिक्रिया,
बार-बार दावों के बावजूद नगर पालिका यहां अतिक्रमण अभियान नहीं चलाती. कोई भी प्रक्रिया अस्थायी प्रकृति की होती है. फिर दोबारा अतिक्रमण हो जाता है. इससे कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. कुछ लोग घायल हुए हैं और कुछ की मौत हो गई है. इसके लिए पूरी तरह से अतिक्रमण विभाग जिम्मेदार है. सबसे पहले उन पर कार्रवाई होनी चाहिए.
चारुशीला गायकवाड़, सत्कार्य फाउंडेशन