Bhusawal – Correspondent
भारतीय रेलवे ने अपने 100 वर्षों के विद्युतीकरण की सफलता का गौरवपूर्ण आयोजन किया है, जो परिवर्तन, कार्यक्षमता और स्थिरता का प्रतीक बन चुका है. यह ऐतिहासिक मील का पत्थर रेलवे बुनियादी ढांचे और संचालन में निरंतर प्रगति को दर्शाता है, जिससे यातायात अधिक पर्यावरणीय और कार्यकुशल बनता है.
विद्युतीकरण का शतक: 1925 से 2025 तक :
भारत में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की शुरुआत 3 फरवरी 1925 को हुई, जब ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे (अब मध्य रेलवे) ने बंबई वीटी (अब छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) और कुर्ला हार्बर के बीच पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन (ईएमयू) चलाई. इस ऐतिहासिक घटना ने भारतीय रेलवे में स्टीम लोकोमोटिव से इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन की ओर एक महत्वपूर्ण परिवर्तन किया. इसके बाद से विद्युतीकरण ने रेलवे संचालन में क्रांति ला दी, जिससे कार्यक्षमता में वृद्धि, कार्बन उत्सर्जन में कमी और यात्रियों के आराम में सुधार हुआ.
भुसावल मंडल में 100% विद्युतीकरण :
भुसावल मंडल ने विद्युतीकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है और अब इसका 100% विद्युतीकरण हो चुका है. भुसावल मंडल में विद्युतीकरण का सफर निम्नलिखित चरणों में पूर्ण हुआ.
• भुसावल से इगतपुरी खंड (कुल रूट किलोमीटर 308) – मई 1969
• भुसावल से खंडवा खंड (कुल रूट किलोमीटर 124) – फरवरी 1992
• भुसावल से बडनेरा खंड (कुल रूट किलोमीटर 220) – फरवरी 1990
• बडनेरा से अमरावती खंड (कुल रूट किलोमीटर 8) – अप्रैल 1994
• जलंब से खामगांव खंड (कुल रूट किलोमीटर 13) – जुलाई 1994
• चालीसगाँव से धुले खंड (कुल रूट किलोमीटर 56) – मार्च 2019
• बडनेरा से वलगांव खंड (कुल रूट किलोमीटर 20) – जुलाई 2014
• वलगांव से चांदुर बाजार खंड (कुल रूट किलोमीटर 21) – जून 2017
• मनमाड से अंकाई किल्ला (दौंड मार्ग) खंड (कुल रूट किलोमीटर 16) – जून 2022
• मनमाड से अंकाई किल्ला (औरंगाबाद मार्ग) खंड (कुल रूट किलोमीटर 16) – जून 2014
• जलगांव (पश्चिम रेलवे मार्ग) दोहरीकरण (कुल रूट किलोमीटर 2.5) – नवंबर 2017
इन उपलब्धियों से ऑपरेशनल कार्यक्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा मिला है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि के उपलक्ष्य में, भुसावल मंडल ने विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया. ‘रेलवे विद्युतीकरण के 100 वर्ष’ के इस महत्वपूर्ण टप्पे को भुसावल रेलवे स्टेशन पर आकर्षक प्रदर्शनी के माध्यम से मनाया गया. इस कार्यक्रम में मंडल रेलवे प्रबंधक इति पांडेय प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं. प्रदर्शनी में विभिन्न इंजन मॉडलों और ओवरहेड इलेक्ट्रिफिकेशन (ओएचई) से संबंधित विद्युत उपकरणों का प्रदर्शन किया गया. इसके साथ ही, रेलवे विद्युतीकरण के 100 वर्षों की गाथा को बयां करने वाली एक लघु फिल्म दिखाई गई. विशेष आकर्षण के रूप में, एक इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव का लघु मॉडल प्रदर्शित किया गया, जिसमें लोकोमोटिव की गति के अनुसार सिग्नल की स्थिति में वास्तविक बदलाव दिखाई दिया. इस प्रदर्शनी में रेलवे विद्युतीकरण के 100 वर्षों में प्राप्त महत्वपूर्ण उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया. मंडल के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर सुंदर रोशनाई की गई और रेलवे स्कूल विद्यार्थियों के लिए रेलवे विद्युतीकरण पर आधारित एक चित्रकला प्रतियोगिता भी आयोजित की गई. समारोह में मंडल रेलवे प्रबंधक इति पांडेय, अतिरिक्त मंडल रेलवे प्रबंधक (प्रशासन) सुनील कुमार सुमन, अतिरिक्त मंडल रेलवे प्रबंधक (तकनीकी) एम. के. मीना, वरिष्ठ अधिकारी और रेलवे कर्मचारी उपस्थित थे. भुसावल मंडल को इस ऐतिहासिक कामगिरी पर गर्व है और रेलवे बुनियादी ढांचे और स्थिर परिवहन उपायों में आगे की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है.