Nasik – Staff Reporter
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी मद्रास ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जो बोफोर्स और धनुष तोपों के साथ-साथ अन्य 155 मि.मी तोपों को ऐसे गोले दागने में सक्षम बनाती है जो उनकी सामान्य सीमा से 15 से 20 किलोमीटर दूर तक के लक्ष्यों को भेद सकते हैं. यह मानक गोले के आधार पर एक रैमजेट प्रणोदन प्रणाली फिट करके हासिल किया जाता है, जो तोपों को 60 किलोमीटर तक की दूरी पर लक्ष्य को भेदने में सक्षम बनाता है. इस विकास से भारतीय सेना की तोपखाने की मारक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है.
देवलाली स्थित आर्टिलरी स्कूल ने हाल ही में अपना वार्षिक कार्यक्रम तोपची आयोजित किया, जिसमें आर्टिलरी रेजिमेंट के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया. आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित स्वदेशी तकनीक की बदौलत आर्टिलरी गन की रेंज में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे वे और अधिक घातक हो जाएंगी. रक्षा मंत्रालय ने आर्टिलरी गन की मारक क्षमता बढ़ाने के तरीकों पर शोध करने की जिम्मेदारी आईआईटी मद्रास को सौंपी थी. आईआईटी मद्रास ने रैमजेट नामक एक विशेष प्रकार का गोला विकसित किया है, जिसे आर्टिलरी शेल के पिछले हिस्से में लगाया जाता है. इस शेल में प्रणोदक होते हैं जो शेल के फायर होने पर प्रज्वलित होते हैं, जिससे अतिरिक्त शक्ति उत्पन्न होती है और रेंज बढ़ जाती है. आईआईटी मद्रास के शोधकर्ताओं के अनुसार, यह तकनीक आर्टिलरी रेजिमेंट की मारक क्षमता में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी. भारतीय सेना की एक लड़ाकू सहायता शाखा, आर्टिलरी रेजिमेंट का इतिहास 18वीं शताब्दी से ही समृद्ध है. अपनी तोपों, मोर्टार, रॉकेट लॉन्चर और निगरानी प्रणालियों के साथ, आर्टिलरी रेजिमेंट जमीनी अभियानों में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. रैमजेट जैसी स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास सहित इसके आधुनिकीकरण के प्रयास निस्संदेह इसकी क्षमताओं को बढ़ाएंगे.
स्कूल ऑफ आर्टिलरी की फायरिंग रेंज में रैमजेट तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है. इसमें और सुधार किए जा रहे हैं, तथा अतिरिक्त परीक्षण किए जाएंगे. इस तकनीक को तोपखाने के गोले में शामिल किया जा सकता है, जिससे उनकी रेंज बढ़ सकती है. शोधकर्ताओं के अनुसार, यह तकनीक वर्तमान में विश्व स्तर पर बेजोड़ है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस गेम-चेंजिंग तकनीक में युद्ध में क्रांति लाने की क्षमता है. तोपखाने की तोपों की रेंज में उल्लेखनीय वृद्धि करके, रैमजेट तकनीक युद्ध के मैदान में पर्याप्त लाभ प्रदान कर सकती है.