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पालक मंत्री का लेकर राज्य में बढा तनाव – दादा भुसे लिए शिंदे के घर के सामने नारेबाजी – भाजपा के दावा छोडने के संकेत

Nasik – Waseem Raza Khan

नाशिक का पालक मंत्री पद एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है, क्योंकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गिरीश महाजन की नियुक्ति को रोक दिया है लेकिन भाजपा सूत्रों का दावा है कि पार्टी इस पद पर अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं है. इस बीच शिंदे गुट के शिवसेना नेता दादा भुसे को पालक मंत्री पद पर नियुक्त करने के लिए दबाव बना रहे हैं, जिससे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर दबाव बढ़ रहा है. मंगलवार को शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भुसे की नियुक्ति की मांग करते हुए मुंबई में शिंदे के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया. इससे मामला और जटिल हो गया है, जिससे यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है कि आखिरकार यह पद किसके पास होगा. क्या भाजपा अपना दावा छोड देगी.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावोस दौरे पर जाने से पहले पालक मंत्रियों की सूची की घोषणा की लेकिन नाशिक और रायगढ़ जिलों के लिए पालक मंत्रियों के आवंटन ने महायुति गठबंधन के भीतर असंतोष को जन्म दिया है. शिवसेना शिंदे गुट के वरिष्ठ मंत्री दादा भुसे को नाशिक जिले के पालक मंत्री पद के लिए नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे लोगों में नाराजगी है. इसके बजाय, जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन को यह जिम्मेदारी सौंपी गई. शिवसेना के विरोध के बाद, मुख्यमंत्री ने महाजन की नियुक्ति को रोक दिया.

शिवसेना पार्टी मांग कर रही है कि स्कूली शिक्षा मंत्री दादा भुसे को नाशिक का पालक मंत्री नियुक्त किया जाए. इस मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए अजय बोरस्ते और पूर्व सांसद हेमंत गोडसे के नेतृत्व में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आवास के बाहर प्रदर्शन किया, नारे लगाए और ज्ञापन सौंपा. प्रदर्शनकारियों ने तर्क दिया कि स्थानीय मुद्दों और आगामी कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए भुसे को नाशिक का पालक मंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए. प्रदर्शन के दौरान जिला प्रमुख अनिल ढिकाले, गणेश कदम और दिनेश चव्हाण समेत पार्टी के कई नेता मौजूद थे. यह घटनाक्रम शिवसेना के विरोध के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा नाशिक और रायगढ़ जिलों के संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति पर रोक लगाने के बाद हुआ है.

असमंजस में भाजपा : महाराष्ट्र में राजनीतिक रस्साकशी शुरू हो गई है, जिसमें नाशिक और रायगढ़ जिलों के पालक मंत्री पद अधर में लटके हुए हैं. इस सत्ता संघर्ष में कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अहम भूमिका निभा रहे हैं. यह स्थिति तब सामने आई जब शिंदे ने प्रस्ताव दिया कि अगर रायगढ़ पालक मंत्री का पद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को जाता है, तो नाशिक का पद शिवसेना को आवंटित किया जाना चाहिए लेकिन राकांपा ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए मांग की है कि अगर रायगढ़ का पद शिवसेना को दिया जाता है, तो नाशिक का पद उनके लिए हो. महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में सत्ता संघर्ष छिड़ गया है, जिसमें भाजपा, राकांपा और शिवसेना (शिंदे गुट) नाशिक जिले के पालक मंत्री पद को लेकर तीखे विवाद में उलझे हुए हैं. नाशिक में 5 विधायकों वाली भाजपा इस पद पर अपना दावा नहीं छोड़ने पर अड़ी हुई है, खासकर तब जब जिले में एक साल बाद कुंभ मेला होने वाला है.

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