Nasik – Waseem Raza Khan
महाराष्ट्र के मंत्री नितीश राणे ने शिक्षा मंत्री दादा भुसे से अनुरोध किया है कि वे 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के दौरान छात्रों के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दें लेकिन मंत्री दादा भुसे ने जवाब दिया कि शिक्षा विभाग का ध्यान नकल रहित परीक्षा आयोजित करने पर है और नकल रोकने के लिए कैमरे, पुलिस की मौजूदगी और पर्यवेक्षकों सहित उपाय किए गए हैं. भुसे ने आश्वासन दिया कि छात्र बुर्का पहनें या नहीं, विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी नकल न करे. नकल रहित परीक्षाओं के लिए शिक्षा विभाग का अभियान जारी है और वे किसी भी तरह की नकल को रोकने का ध्यान रख रहे हैं. मौजूदा उपायों के साथ, भुसे को विश्वास है कि परीक्षाएं निष्पक्ष रूप से आयोजित की जाएंगी.
महाराष्ट्र की प्रगति के लिए सब एक रहें :
दादा भुसे ने नाशिक और रायगढ़ के पालक मंत्री पदों को लेकर उठे विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मीडिया इस मुद्दे को लेकर बहुत चिंतित है. उन्होंने दोहराया कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री वरिष्ठ स्तर पर इस मामले पर चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे. भुसे ने महाराष्ट्र की प्रगति के लिए एकता के महत्व पर जोर दिया और विपक्षी दलों सहित सभी दलों से एक साथ आने का आग्रह किया.
संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो :
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने गंभीर आरोप लगाया है कि मालेगांव बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को भारतीय नागरिक बनाने का अड्डा बन गया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दादा भुसे ने कहा कि अगर किसी अधिकारी ने बांग्लादेशी नागरिकों को फर्जी दस्तावेज मुहैया कराए हैं तो यह भारत की आजादी के लिए खतरा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इस मामले में असहमति की कोई गुंजाइश नहीं है.
तो क्या यह मामला सामने आता?
दादा भुसे ने किरीट सोमैया के मालेगांव में लगातार आने-जाने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि भारतीय नागरिक होने के नाते सोमैया और अन्य लोगों को वहां जाने का अधिकार है. भुसे ने कहा कि अगर सोमैया ने इस मुद्दे को सामने नहीं लाया होता, तो यह जानकारी छिपी रह सकती थी. उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सोमैया के पास अधिक जानकारी हो सकती है और वह किसी कारण से मालेगांव जा रहे हैं, और किसी को भी उनके प्रयासों पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए. भुसे ने निष्कर्ष निकाला कि अगर सोमैया ने पहल नहीं की होती, तो यह मुद्दा बिना रोक-टोक जारी रहता.
यह एक राष्ट्रविरोधी कृत्य है :
दादा भुसे ने मालेगांव में बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को भारतीय नागरिकता देने के समर्थन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राष्ट्र विरोधी कृत्य है. उन्होंने जाति और धर्म से परे देखने की जरूरत पर जोर दिया और पूछा कि कोई भी ऐसे कृत्य का समर्थन कैसे कर सकता है जो देश के हितों के खिलाफ हो.