Wednesday, July 30, 2025
Wednesday, July 30, 2025
Wednesday, July 30, 2025
spot_img
spot_img
A venture of Pen First Media and Entertainment Pvt. Ltd
Member of Working Journalist Media Council Registered by - Ministry of Information and and Broadcasting, Govt. Of India. New Delhi
HomeHindiनासिक के बंगलादेशियों से कब मिलोगे किरीट सोमैय्या?

नासिक के बंगलादेशियों से कब मिलोगे किरीट सोमैय्या?

By – Waseem Raza Khan (Chief Editor)

दिसंबर माह में मालेगांव से जुडे 1200 करोड रुपये के मनी लॉड्रिंग मामले में नासिक मर्चंट को. ऑप बैंक के ऐसे खातों पर ईडी ने छापा मारा जों ऐसे लोगों के नाम से बनाए गए थे जो या तो सामान्य मजदूर का बेरोजगार लोग थे लेकिन उनके खातों में अचानक में ईडा को करीब 800 करोड रुपये का हेरफेर मिला था. इस मामले में कुछ कंपनियों के नाम भी सामने आए थे जिन के खातों से यह पैसे लोगों के खातों में पहुंचाए गए थे. इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के चुनाव हारे हुए पूर्व सांसद किरीट सोमैय्या ने मालेगांव को टार्गेट बना लिया या यूं कह सकते हैं कि भाजपा ने सोमैय्या को एक प्रकार का काम सौंप दिया कि भैय्या तुम को कुछ काम नही है तो कहीं फिर से कोई वीडियो न वायरल हो जाए इसलिए मालेगांव के पीछे पडे रहो. इससे तुम्हारे पास भी काम रहेगा और भाजपा को भी सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का मौका मिलता रहेगा. इससे राजनीतिक बेरोजगोर किरीट सोमैय्या को राजनीती में बने रहने का अवसर भी मिल गया और भाजपा समर्थक उनके पुराने वायरल वीडियो को भी भूलने लगे जिसमें उन्हें बहुद दर्द सहते दिखाया गया था.

ईडी द्वारा बैंक में राशी के मुद्दे को सहारा बना कर सोमैय्या अपनी पार्टी के इशारे पर उस ओर मुड गए जिसका इशारा कुछ साल पहले मालेगांव के पूर्व विधायक ने पहले ही दे दिया था कि वो मालेगांव में 10 हजार रोहंगियाओं को बसाएंगे. बस फिर क्या था किरीट सोमैय्या को काम करने के लिए मैदान मिल गया जिस की शुरूआत उन्होंने स्थानीय भाजपा के कार्यकर्ताओं की मांग से की कि मालेगांव में बसे बंगलादेसियों को पकडा जाए. सोर्मय्या कई बार मालेगांव आए, हजारों पन्नों की रिपोर्ट तैयार करते रहे और आज भी कर रहे हैं लेकिन एक भी बंगलादेसी नहीं पकड पाए. फिर कुछ नहीं मिला तो दस्तावेजों में धांधली को मुद्दा बनाया और महानगर पालिका के कर्मचारियों के साथ स्थानीय नागरिकों को जेलों में भर दिया. अब कठिनाई यह है कि न ही किरीट सोमैय्या और न ही भाजपा किसी प्रकार से बंगलादेसी ढूंढ पा रही है. अब केवल दस्तावेजों में धांधली को लेकर मालेगांव पर कलंक लगाने के प्रयास जारी हैं जबकि कानून के जानकारी अच्छी तरह से जानते हैं कि यह मामले इतने गंभीर नहीं हैं, किसी न किसी प्रकार से कानूनी दांव पेच करके गिरफ्तार किए गए लोगों को छुडाया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा क्योंकि किरीट सोमैय्या के हाथों में स्थानीय राजनीती का रिमोट दिखाई दे रहा है. समितियां बना कर और कानून लडाई का ढोंग रचके केवल जनता को भ्रमित रखा जा रहा है. यदि ऐसा नहीं है तो किरीट बाबू को नासिक में पकडे गए बंगलादेसी क्यों दिखाई नहीं देते. सोमैय्या को नासिक में पकडे गए बंगलादेसियों से मिलना चाहिए. पिछले दिनों कुछ मजदूर नासिक में एक निर्माण साईट पर काम करते हुए मिले, उसके बाद एक महिला ने फेसबुक पर नासिक के युवक से प्रेम कर के नासिक को अपना ससुराल बना लिया, उसके बाद सोमवार को फिर 4 महिलाएं नाशिक में ही पकडी गईं. इस प्रकार कुल 12 बंगलादेसी नासिक में मिले हैं लेकिन किरीट सोमैय्या को नासिक की ओर देखने के भाजपा के आदेश नहीं हैं क्यों यहां सारे भाजपा के विधायक हैं जिनको परेशानी हुई तो भाजपा के चुनाव खतरे में आ सकते हैं क्योंकि यहां सभी महाविकास आघाडी भी मजबूत प्रतिध्वंदी है और अब यहां की महानगर पालिका पर भी भाजपा की नजर है. ऐसे में किरीट सोमैय्या बेचारे क्या करें, नासिक से सैकडों बंगलादेसी भी मिलेंगे तो वो सोमैय्या के अधिकार में नहीं आते उन्हें तो केवल मालेगांव पर नजर रखने का काम दिया गया है.

नासिक में ‘डंकी रूट’ से घुसपैठ का खुलासा :

नासिक में क्राइम ब्रांच यूनिट एक और अंबड पुलिस ने संयुक्त रूप से अमृतधाम इलाके के खैरेमला में छापा मारा. इस दौरान, माइशा हबीब शेख (22), निशान मिहीर शेख (21), झुमूर हसन शेख (33) और रिहाना जलील गाजी (30, सभी बांग्लादेश निवासी) नामक 4 महिलाओं के साथ नवजीत भवन दास (38, निवासी अमृतधाम) को हिरासत में लिया गया. नवजीत ने इन चारों महिलाओं को अपने कमरे में रहने की अनुमति दी थी. जांच में सामने आया है कि संदिग्ध जगदीश मिस्त्री (निवासी सूरत) और 2 अन्य बांग्लादेशी व्यक्तियों ने इन चारों महिलाओं को नाशिक पहुंचाया था.

6 फरवरी 2025 को आडगांव शिवर में एक निर्माण स्थल पर पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने वेश बदलकर 600 मजदूरों के बीच से 8 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए संदिग्धों में सुमन गाज़ी (27), अब्दुल्ला मंडल (20), शाहीन मंडल (23), लासेल शंतर (23), आसाद मुल्ला (30), अलीम मंडल (32), अलअमीन शेख (22) और मोसीन मुल्ला (22) शामिल हैं. संदिग्ध सुमन गाज़ी पिछले 12 सालों से भारत में रह रहा था और उसके संपर्क के माध्यम से अन्य संदिग्ध भारत आए थे. सभी ने नारायण गांव के एक आधार केंद्र से जाली दस्तावेज बनवाए थे. ये सभी फिलहाल जेल में हैं.

सोशल मीडिया प्रेम के चलते अवैध घुसपैठ :

11 जून 2025 को सोशल मीडिया पर हुए प्यार के कारण बांग्लादेश से गुप्त मार्ग से भारत में प्रवेश कर मुंबई और नाशिक पहुंची एक युवती और उसके नाशिक निवासी प्रेमी के खिलाफ मुंबई नाका पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया. संदिग्धों की पहचान सुरैया अख्तर उर्फ श्रेया केदारे (उम्र 28, निवासी गोविंद नगर, मूल निवासी जेस्सोर, बांग्लादेश) और गोविंद नंदू केदारे (निवासी अनमोल रेजीडेंसी, गोविंद नगर, मूल निवासी लासलगांव) के रूप में हुई है. पूछताछ में सामने आया कि सुरैया ने 5/6 बार अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत में प्रवेश किया था, जिसके लिए उसने क्रमशः पांच, आठ, दस, बारह और अठारह हजार रुपये खर्च किए थे.

चार और बांग्लादेशी महिलाएं हिरासत में

20 जुलाई 2025 को, क्राइम ब्रांच यूनिट एक और अंबड पुलिस ने संयुक्त रूप से पंचवटी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत अमृतधाम इलाके के खैरे मळा में छापेमारी की. इस दौरान माईशा हाबिब शेख (उम्र 22), निशान मिहीर शेख (21), झुमूर हसन शेख (33) और रिहाना जलील गाज़ी (30) नामक चार महिलाओं सहित नवजीत भवन दास (38, निवासी अमृतधाम) को हिरासत में लिया गया. नवजीत ने चारों महिलाओं को अपने कमरे में रहने की अनुमति दी थी. इसके अलावा, संदिग्ध जगदीश मिस्तरी (निवासी सूतर) और दो बांग्लादेशी व्यक्तियों ने इन चारों महिलाओं को नासिक पहुंचाया था.

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

Most Popular