Waseem Raza Khan जांच में यह बात सामने आई है कि शहर में नशा बेचने के लिए अब महिलाओं का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. एक मामले में, एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड ने एक पुरुष के साथ 3 महिलाओं को गिरफ्तार किया और नाशिक पुलिस कमिश्नरेट के श्वान मैक्स का भी ड्रग्स का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया. नाशिक पुलिस आयुक्तालय के मादक द्रव्य निरोधक दस्ते की कार्रवाई में एक बार फिर नया खुलासा हुआ है. इस टीम की प्रभारी अधिकारी सुशीला कोल्हे को मिली जानकारी के मुताबिक 3 महिला एमडी नाशिक शहर में ड्रग्स बेचने की तैयारी कर रही हैं. यह जानकारी मिलने के बाद, मादक द्रव्य निरोधक टीम की प्रमुख सुशीला कोल्हे और उनकी टीम ने जाल बिछाया और गणेश कैलास गिते (उम्र 45, निवासी मखमलाबाद), स्वीटी सचिन अहिरे (उम्र 28, निवासी मेहरधाम), ऋतुजा भास्कर झिंगाडे (उम्र 22, निवासी शिवाजीनगर,) और पल्लवी गणेश निकुंभ उर्फ सोनाली शिंदे (उम्र 36, निवासी अमृतधाम) को गिरफ्तार कर लिया,. तलाशी के दौरान उनके पास से 4 लाख 15 हजार 500 रुपये कीमत की 78.5 ग्राम एमडी ड्रग और एक लाख 97 हजार 860 रुपये कीमत की अन्य सामग्रियां मिलीं. यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त संदीप कर्णिक, अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त प्रशांत बच्छाव, सहायक पुलिस आयुक्त संदीप मिटके, एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड प्रभारी सुशीला कोल्हे और उनके सहयोगियों के मार्गदर्शन में की गई है. पुलिस कमिश्नर की इस टीम की कार्रवाई से पहली बार यह साफ हुआ है कि नाशिक शहर में नशीली दवाओं की बिक्री के मामलों में महिलाएं शामिल हैं.