wahid kakar
धुलियाकी सड़कों पर रविवार को पुलिस की लाचारी खुलेआम दिखाई दी, रिकॉर्डधारी सट्टेबाज सोपान पाटील ने ट्रैफिक पुलिस को निशाना बनाया, तीन पुलिसकर्मियों को दिनदहाड़े पीटा, आजाद नगर थाने में महिला कर्मी से बदतमीजी की, कुर्सी तोड़ी और एसपी ऑफिस का मेन गेट शीशा चकनाचूर कर दिया। लेकिन पुलिस ने सिर्फ एनसी दर्ज कर आरोपी को छोड़ दिया!देर शाम आईपीसी धारा 353 में केस शुरू हुआ। सवाल यह हैं कि यह बेखौफ सट्टेबाज किसके संरक्षण में हैं। जो पुलिस पर निशाना साधने से हिचकिचा नही रहा है।
रविवार शाम वायरल वीडियो ने पुलिस की साख मिट्टी में मिलाई। आग्रा रोड-पांच कंदील पर गश्त के दौरान सोपान ने नशे में धुत होकर एएसआई फूलपागरे, दीपक सैदाने और कुलकर्णी पर हमला किया। गाली-गलौज, मारपीट का वीडियो वायरल हुआ है।
केस दर्ज कराने पकड़ कर आज़ाद नगर थाने ले गए पुलिस कर्मी की आजाद नगर पुलिस स्टेशन में फिर पिटाई कर दिया, महिला कर्मी से अभद्रता, कुर्सी तोड़ी, आजाद नगर पुलिस ने एनसी दर्ज की। इसके बाद एसपी ऑफिस में शीशा तोड़ा, फिर भी सिटी पुलिस थाने के एक पुलिस कर्मी ने सोपान को बाइक पर घर छोड़ा। श्री उपासे की स्ट्राइकिंग फोर्स पास थी, पर ट्रैफिक पुलिस की सहायता को नहीं पहुंची। शुक्रवार को लैपटॉप फेंका, दस महीने पहले भी हमला, कार्रवाई शून्य। शहर पूछ रहा है- ट्रैफिक पुलिस कब तक असहाय? सट्टेबाज को कौन बचा रहा? आखिर इतनी देर से मामला क्यों दर्ज किया गया।इस तरह का प्रश्न ट्रैफिक पुलिस करने के सामने खड़ा हुआ है।