Waseem Raza Khan यह कहा जाता है कि प्रेम अंधा होता है और प्रेम में पड़े लोग उम्र, जाति और धर्म के बारे में नहीं सोचते. नाशिक शहर में सिडको में हुई एक घटना ने इस बात को फिर से साबित किया है. एक 36 वर्षीय विवाहित महिला और 15 वर्षीय लड़का भाग गए1 एक महीने बाद दोनों वापस आए, लेकिन इस घटना में जटिलताओं ने समाजिक स्वास्थ्य को खराब कर दिया है. नाबालिग लड़के को भगाने के आरोप में महिला के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया गया है. महिला विवाहित है और वह अपने पति, 15 वर्षीय बेटे और 10 वर्षीय बेटी के साथ सिडको परिसर में रहती है. उसके एक 15 वर्षीय लड़के से परिचित होने के बाद दोनों के बीच प्रेम संबंध बन गए. दिसंबर के पहले सप्ताह में दोनों भाग गए. इस दौरान वे मुंबई में एक निर्माण स्थल पर रहे. लेकिन बाद में पैसे खत्म होने और अपनी गलती का एहसास होने के बाद दोनों नाशिक लौट आए. इस बीच, दोनों परिवारों ने दोनों के लापता होने की अलग-अलग शिकायतें दर्ज की थीं. जब दोनों नाशिक लौटे, तो महिला के पति ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू की. हालांकि दोनों ने स्वेच्छा से घर छोड़ दिया था, लेकिन लड़के की अज्ञानता के कारण महिला के खिलाफ उसके अपहरण का मामला दर्ज किया गया. लेकिन दोनों के व्यवहार के कारण सामाजिक और कानूनी सवाल उठ खड़े हुए. महिला तो मुश्किल में पड़ गई लेकिन दोनों परिवारों के सदस्य भी बदनामी के डर से चिंतित हैं. अब दोनों पक्षों को मामला आपस में सुलझाना है लेकिन, लड़का नाबालिग होने के कारण पुलिस के सामने मामला दर्ज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. पोस्को और लैंगिक अत्याचार की धाराएं दर्ज करनी चाहिए या नहीं, इस बारे में मार्गदर्शन लिया जा रहा है. इस घटना के कारण श्रमिक बस्ती वाले सिडको परिसर में खलबली मच गई है. नागरिकों ने अपनी चिंता और असंतोष व्यक्त किया है. वर्तमान और भविष्य दोनों पीढ़ियों के लिए अच्छे संस्कार होने की जरूरत है, और इसके लिए समाज में पोषक वातावरण भी होना चाहिए, ऐसी भावना वरिष्ठ लोग व्यक्त कर रहे हैं.