
Waseem Raza Khan नाशिक. लोकसभा में नाशिक सीट जीतने के बाद शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद पार्टी के भीतर गुटबाजी की खबरें आने लगीं. जिलाप्रमुख सुधाकर बडगुजर और महानगरप्रमुख विलास शिंदे के पार्टी बदलने की खबरों के बाद पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और पदाधिकारियों को बुलाकर उन्हें समझाया. ठाकरे ने चुनिंदा पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक कर वरिष्ठ नेताओं और प्रमुख पदों पर आसीन पदाधिकारियों के बीच मतभेद दूर करने का प्रयास किया. इसके बाद संबंधित पदाधिकारियों ने कहा कि अब हम एकजुट होकर काम करेंगे. लोकसभा चुनाव में शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के राजाभाऊ वाजे ने शिवसेना शिंदे गुट के पूर्व सांसद हेमंत गोडसे को हराया था. इसके बाद यह माना जा रहा था कि यही तस्वीर विधानसभा में भी बनी रहेगी, लेकिन महाविकास आघाड़ी का जिले से सूपड़ा साफ हो गया. नाशिक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नाशिक पश्चिम से बडगुजर, नाशिक मध्य से पूर्व विधायक वसंत गिते और देवलाली से पूर्व विधायक योगेश घोलप को हार का सामना करना पड़ा. इसके कारण स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों के मद्देनज़र ठाकरे गुट के पदाधिकारियों का मनोबल कम होता जा रहा है, साथ ही गुटबाजी भी बढ़ रही है. चुनाव के बाद बडगुजर और शिंदे के पार्टी बदलने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था लेकिन, पार्टी के भीतर ही एक गुट पार्टी बदलने की अफवाहें फैला रहा था, जिसकी शिकायत बडगुजर और शिंदे ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से की थी. इस मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और मौजूदा पदाधिकारियों के बीच संघर्ष शुरू हो गया था, जिस पर काबू पाने के लिए उद्धव ठाकरे ने नाशिक लोकसभा क्षेत्र के सभी पदाधिकारियों को शुक्रवार 10 जनवरी को ‘मातोश्री’ में बुलाकर चर्चा की. उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक के बाद सांसद संजय राउत, राजाभाऊ वाजे, बडगुजर, शिंदे, सहसंघटक दत्ता गायकवाड, पूर्व जिल्हाप्रमुख विनायक पांडे, पूर्व विधायक वसंत गिते, पूर्व महापौर अशोक मुर्तडक जैसे चुनिंदा पदाधिकारियों के साथ चर्चा की. उन्होंने एक साथ मिलकर पालिका चुनाव के लिए काम करने के निर्देश दिए. बडगुजर ने बैठक में शिकायत की कि पार्टी में ही लोग पार्टी बदलने की चर्चा कर रहे हैं. इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो पार्टी छोड़ना चाहता है, वह छोड़ सकता है, लेकिन अब स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव हैं, इसलिए एकजुट होकर काम करने के निर्देश दिए. पदाधिकारियों ने आश्वासन दिया कि पार्टी से कोई नहीं जाएगा और स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनाव के लिए एक साथ काम करेंगे.