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HomeHindiवर्ष 2025 का बजट पेश - सत्ताधारी खुश तो विरोधी नाराज

वर्ष 2025 का बजट पेश – सत्ताधारी खुश तो विरोधी नाराज

Nasik – Waseem Raza Khan

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया. आम बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स को लेकर बड़े ऐलान किए हैं. अब 16 से 20 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 20% टैक्स, 20 से 24 लाख रुपये की कमाई पर 25% टैक्स और 24 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर 30% टैक्स देना होगा.  इसके अलावा, अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की समय सीमा को 2 साल से बढ़ाकर 4 साल कर दिया गया है, जिससे करदाताओं को अपने पुराने रिटर्न सुधारने का ज्यादा मौका मिलेगा. सीनियर सिटीजंस के लिए भी राहत भरी खबर है.अब ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स छूट की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है. इसके अलावा, स्टार्टअप्स को टैक्स छूट का फायदा उठाने के लिए रजिस्ट्रेशन की समय सीमा 5 साल और बढ़ा दी गई है. और भी कई बदलाव इस वर्ष के बजट में देखने को मिले. बजट पेश होने के दौरान नाशिक जिले के विभिन्न राजनीतिक नेताओं और सामान्य वर्ग ने नवभारत को अपनी प्रतिक्रिया दी. जिन में सांसद, विधायकों के साथ पार्टियों के पदाधिकारियों ने भाग लिया. बजट से सत्ताधारी खुश हैं तो वहीं विरोधी पार्टियों में नाराजगी देखी जा रही है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट को राजनीतिक, उद्योग और शैक्षणिक क्षेत्रों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. यद्यपि आम नागरिकों को राहत देने के लिए कर सीमा बढ़ा दी गई है, फिर भी कितने लोगों की आय 12 लाख रुपये है? ऐसा प्रश्न भी उठा है. उद्योग जगत के कुछ लोगों का मानना ​​है कि इसमें बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं है. प्याज उत्पादक संघ का कहना है कि पिछले 2 वर्षों से प्याज की कीमतों में उतार-चढ़ाव और प्राकृतिक आपदाओं से परेशान प्याज उत्पादकों को इस बजट से कोई राहत नहीं मिली है. संगठन ने मांग की कि प्याज उत्पादकों के लिए विशेष कोष उपलब्ध कराया जाए. लेकिन उन्होंने इस बात पर नाराजगी जताई कि बजट में कहीं भी प्याज उत्पादकों का जिक्र नहीं किया गया. आम जनता ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की है कि नासिक के लिए कुछ भी विशेष प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिलाकर सत्ता पक्ष के नेताओं ने बजट का पुरजोर समर्थन किया है, जबकि विरोधियों ने बजट की आलोचना करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है और निराशा जताते हुए कहा है कि इसमें आम नागरिकों के साथ धोखा किया गया है.

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सर्वांगीण विकास को बढ़ावा :

देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के विकास को गति देने वाला बजट पेश किया, जिसमें देश के गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. 12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करने के ऐतिहासिक फैसले से देश के आम मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है.

(छगन भुजबल, पूर्व उपमुख्यमंत्री)

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निराशाजनक बजट :

यह बहुत निराशाजनक बजट है. किसानों के लिए प्रावधान बहुत कम किए गए हैं. कृषि उपकरणों, बीजों और कृषि रसायनों पर जीएसटी है, लेकिन इसे कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है. जब प्याज, कपास और अनाज के लिए गारंटीकृत मूल्य प्रदान करने की आवश्यकता थी, तब कुछ भी नहीं किया गया.

(डॉ. शोभा बच्छाव, सांसद, धुलिया)

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उम्मीदें पूरी नहीं हुईं :

दरअसल, विकसित भारत की घोषणा के बाद यह पहला बजट है, इसलिए उम्मीद थी कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले किसानों और मध्यम वर्ग के लिए टिकाऊ और सकारात्मक पहलू होंगे. अर्थ संकल्प के माध्यम से जन-हितैषी घोषणाओं का आभास पैदा किया गया.

(सांसद राजाभाऊ वाजे, नाशिक)

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आम लोगों को धोखा :

बजट में आम नागरिकों और किसानों की चिंताओं को नजरअंदाज किया गया है जो वित्तीय संकट में हैं. कर्मचारियों को भी गहरी निराशा हुई है और बजट बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया गया है. यह विकास का गुब्बार दिखाकर आम जनता को आश्वस्त करने का एक खुला प्रयास है.

(सांसद भास्कर भागरे, पेठ-दिंडोरी)

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अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी :

बजट के माध्यम से अनेक महत्वाकांक्षी निर्णय लिए गए हैं तथा समाज के सभी वर्गों को सहायता प्रदान की गई है. मध्यम वर्ग और धनाढ्य वर्ग को 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त करके खुशखबरी दी गई है. आज के केन्द्रीय बजट में किसानों, महिलाओं, युवाओं, छात्रों और पिछड़े वर्गों के लिए जो प्रावधान किए गए हैं, वे स्वागत योग्य हैं.

(दादा भुसे, पूर्व पालकमंत्री)

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अर्थव्यवस्था को गति :

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग के लिए एक स्वप्निल बजट पेश किया. मध्यम वर्ग को 12 लाख रुपये तक की आय को कर-मुक्त करके बड़ी राहत प्रदान की गई है. यह बजट विकसित भारत के लिए एक ऐतिहासिक बजट है, जो विकसित भारत की ओर अग्रसर है. यह बजट अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला बजट है.

(सीमा हिरे, विधायक, नाशिक पश्चिम)

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व्यापक बजट :

यह आम लोगों को राहत और संतुष्टि देने वाला बजट है. सामान्य और मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिली है क्योंकि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं है. जो महिलाएं उद्यमी बनना चाहती हैं और देश की प्रगति के लिए काम करना चाहती हैं, उन्हें 2 करोड़ रुपये का टर्म लोन मिलेगा. यह सभी क्षेत्रों के विकास के लिए एक सर्वसमावेशी बजट है.

(विधायक राहुल ढिकले, नाशिक पूर्व)

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करदाताओं के लिए राहत :

नई कर प्रणाली में आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले लोग 12 लाख रुपये तक की आय पर छूट का दावा कर सकेंगे. यह एक सुखद निर्णय है. इसके अलावा, गंभीर बीमारियों के लिए कुछ दवाओं पर आयात शुल्क माफ करने से सामान्य मरीजों को भी लाभ होगा. केन्द्रीय बजट आम आदमी के लिए राहत भरा है.

(अभिजीत येवले, कर सलाहकार)

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करदाताओं के लिए राहत :

यह बजट अमीरों के लिए है. गरीब और मध्यम वर्ग को इससे बाहर रखा गया है. कृषि के लिए प्रावधान किए गए हैं. उर्वरक की कीमत कम करने के लिए कुछ भी नहीं है. मूलतः सभी कृषि उत्पादों को जीएसटी से छूट देना आवश्यक था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाना चाहिए. बेरोजगारों के लिए कुछ भी नहीं है, यहां तक ​​कि उनका जिक्र भी नहीं किया गया है.

(गजानन शेलार, शहर अध्यक्ष, शरद पवार राकांपा)

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आम लोगों की निराशा :

यह ऐसा बजट है जो एक हाथ से देता है और दोनों हाथों से लेता है. इस बजट में आम आदमी के लिए कुछ भी नहीं है. यद्यपि कर में छूट दी जाती है, फिर भी कितने सामान्य नागरिकों की आय 12 लाख रुपये है? इस पर विचार किया जाना चाहिए था. ऐसा प्रतीत होता है कि बजट में मुद्रास्फीति कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

(सुधाकर बडगुजर, जिला प्रमुख ठाकरे गुट)

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ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सुविधा :

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम नागरिकों, किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के कर्मचारियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट पेश किया. इससे भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की नींव रखी जाएगी. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने से देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा.

(विधायक दिलीप बोरसे, बागलाण)

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