
Waseem Raza Khan नाशिक. राष्ट्रवादी के नेता और पूर्व मंत्री छगन भुजबल के बारे में कृषिमंत्री अॅड. माणिकराव कोकाटे ने कहा है कि उनके हर सवाल का जवाब मेरे पास है, लेकिन बुराई नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से उन्हें निर्देश मिला है कि भुजबल के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करनी है. उनके मामले में वरिष्ठ स्तर पर फैसला होगा और मेरे लिए यह मामला समाप्त हो गया है. इस बीच, राज्य में किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर दो राय हैं, और इस पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री करेंगे, यह स्पष्टीकरण भी कोकाटे ने दिया है. राज्य मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद छगन भुजबल ने अपनी नाराजगी जाहिर की और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की आलोचना की. इस पर कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे और भुजबल के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसमें कोकाटे ने सीधे भुजबल को निशाना बनाया. स्थिति पार्टी के भीतर विवाद में बदल गई लेकिन हाल ही में हुए घटनाक्रम में कोकाटे ने शनिवार 11 जनवरी को नाशिक में मीडिया से बातचीत के दौरान भुजबल के प्रति नरम रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन्हें भुजबल पर टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है, और इसलिए उन्होंने मामले को बंद माना. यह कदम भुजबल के साथ चल रहे विवाद को खत्म करने का प्रयास प्रतीत होता है. आगामी चुनाव में शिवसेना ठाकरे गुट अपने दम पर लड़ेगी, यह बयान सांसद संजय राउत ने दिया था. इसके बाद माणिकराव कोकाटे ने ठाकरे गुट पर तंज कसा, उन्होंने कहा कि यह उनका अपना मामला है, उन्हें तय करना है कि वे क्या करना चाहते हैं, किसके साथ लड़ना चाहते हैं, खुलकर लड़ना चाहते हैं सहारा लेकर, यह उनका अपना फैसला है. उन्हें जो सही लगता है, वही करना चाहिए. कोकाटे ने यह भी कहा कि मंत्री धनंजय मुंडे के बारे में फैसला लेने के लिए मुख्यमंत्री सक्षम हैं.
कृषि विभाग में उदासीनता :
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने स्वीकार किया है कि कृषि विभाग में अनास्था और समन्वय की कमी है. उन्होंने कहा कि कई विभाग कृषि विभाग में काम करते हैं, लेकिन किसानों के लिए बनाई गई योजनाएं जमीनी स्तर तक नहीं पहुंच पा रही हैं. उन्होंने कहा कि जब तक यह नहीं पता चलता कि कितने लाभार्थी हुए हैं, तब तक बात करना मुश्किल है. कोकाटे ने कहा कि केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित करके समस्या का समाधान निकालना चाहिए. साथ ही, उन्होंने अंगूर की खेती को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगने की भी बात कही है.
कर्ज माफी पर चर्चा के बाद निर्णय : महायुती सरकार द्वारा किसानों को कर्ज माफी का आश्वासन दिया गया है. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा है कि उनके अधिकार क्षेत्र में कर्ज माफी का मामला नहीं आता है. राज्य की आर्थिक नीति के बारे में मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री फैसला लेते हैं. कोकाटे ने कहा है कि कर्ज माफी के मुद्दे पर दो मतप्रवाह हैं – नियमित कर्ज भुगतान करने वाले और थकित कर्ज भुगतान करने वाले. कर्ज माफी से नियमित कर्ज भुगतान करने वालों को परेशानी होती है. इसलिए, इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा होगी और उसके बाद ही अंतिम फैसला लिया जाएगा.