Nasik – Reporter
नाशिक और रायगढ़ के पालक मंत्री पद को लेकर महायुति गठबंधन में तीखी रस्साकशी चल रही है. दोनों पदों पर फैसला टलने के बावजूद, नाशिक के पालक मंत्री चुने जाने पर भाजपा मंत्री गिरीश महाजन को बधाई देने वाले बैनर फिर से दिखने लगे हैं. इससे गठबंधन के भीतर की कलह और बढ़ सकती है. महाराष्ट्र राज्य सरकार ने हाल ही में सभी जिलों के लिए पालक मंत्रियों की सूची की घोषणा की, जिसमें नाशिक से गिरीश महाजन और रायगढ़ से अदिति तटकरे शामिल हैं लेकिन नाशिक और रायगढ़ में दादा भुसे और भरत गोगावले के समर्थकों के विरोध के कारण निर्णय को रोक दिया गया है. शुरुआत में नाशिक में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरे जिले में बड़े बैनर लगाकर महाजन की नियुक्ति का जश्न मनाया. लेकिन अन्य नेताओं के समर्थकों के विरोध के कारण निर्णय को स्थगित करना पड़ा. पालक मंत्री का पद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्य के भीतर एक विशिष्ट जिले के विकास की देखरेख करता है.
क्या महाजन के बैनर से महायुति में विवाद पैदा होगा?
नाशिक के पालक मंत्री पद को लेकर महायुति गठबंधन में विवाद जारी है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं किए जाने के बावजूद, नाशिक के पालक मंत्री के रूप में गिरीश महाजन की कथित नियुक्ति पर बधाई देने वाले बैनर शहर में फिर से दिखाई दिए हैं. पूर्व भाजपा पार्षद मुकेश शहाणे द्वारा लगाए गए इन बैनरों ने महाजन की नियुक्ति को लेकर अटकलों को हवा दे दी है लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से आधिकारिक घोषणा न किए जाने से अनिश्चितता और बढ़ गई है. स्थिति इस तथ्य से और भी जटिल हो गई है कि राज्य सरकार ने पहले महाजन को नाशिक का पालक मंत्री नियुक्त करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में निर्णय को रोक दिया. इस कदम को गठबंधन के भीतर असंतोष की आवाजों को शांत करने के प्रयास के रूप में देखा गया. पालक मंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान ने महायुति गठबंधन के भीतर दरार को उजागर कर दिया है. बैनरों के फिर से दिखाई देने से गठबंधन के भीतर और भी कलह की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
कौन बनेगा नाशिक का पालक मंत्री ?
नाशिक पालक मंत्री का पद महायुति गठबंधन के भीतर एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है. शिवसेना के शिंदे गुट के नेता दादा भुसे और अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा दोनों ने इस पद के लिए अपना दावा पेश किया है. राकांपा की मांग इस तथ्य पर आधारित है कि नाशिक जिले में उनके पास सबसे अधिक विधायक हैं. इस बीच, भाजपा के पूर्व पार्षद ने नाशिक के पालक मंत्री के रूप में गिरीश महाजन की कथित नियुक्ति पर उन्हें बधाई देते हुए बैनर लगाए हैं. इस कदम से महाजन की नियुक्ति को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं और गठबंधन के भीतर अंदरूनी कलह फिर से भड़क सकती है. राज्य सरकार ने शुरू में गिरीश महाजन को नाशिक का पालक मंत्री नियुक्त करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में अन्य नेताओं के विरोध के कारण निर्णय को रोक दिया गया. अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आखिरकार यह प्रतिष्ठित पद किसे मिलेगा. क्या यह गिरीश महाजन होंगे, दादा भुसे होंगे या राकांपा से कोई और? इसका जवाब अभी आना बाकी है.