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गांधी रिसर्च फाउंडेशन में विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह सम्पन्न

गांधी रिसर्च फाउंडेशन के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के पदवी वितरण समारोह में प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. सुदर्शन अय्यंगार ने कहा कि"स्वविकास के त्रिसूत्री हैं। आत्मनिरीक्षण, आत्मपरीक्षण और आत्मशोधन के माध्यम से अपने चरित्र को बलवान बनाएं। हृदय और आत्मा को मजबूत करने के लिए ज्ञानमार्ग का अनुसरण करें। जब हम हर व्यक्ति में स्वयं को देखेंगे और सभी को अपने भीतर महसूस करेंगे, तभी असली गौरव का अनुभव होगा। प्रेम और सहनशीलता इसी दृष्टिकोण से विकसित होते हैं, और यही गांधीजी की जीवनयात्रा का सार है," ऐसा उद्बोधन गांधी रिसर्च फाउंडेशन के निर्देशक डॉ. सुदर्शन अय्यंगार ने किया। इस अवसर पर मंच पर फाउंडेशन फॉर इकोलॉजिकल सिक्योरिटी की वरिष्ठ अधिकारी एकता कोडे, श्रीहरी पेंडूर तथा वरिष्ठ गांधीवादी अब्दुलभाई विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। साथ ही डॉ. निर्मला झाला, गिरीश कुलकर्णी, सुधीर पाटील, संतोष भिंताड़े सहित फाउंडेशन के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे। चरित्र निर्माण एक निरंतर प्रक्रिया : डॉ. अय्यंगार अध्यक्षीय भाषण में डॉ. अय्यंगार ने कहा कि चरित्र निर्माण कोई एकबारगी घटने वाली प्रक्रिया नहीं, बल्कि यह जीवनभर चलने वाली साधना है। उन्होंने कहा, "हमें अपने जीवन को दुःख और पश्चाताप से मुक्त करते हुए लगातार आत्मशुद्धि की ओर बढ़ना चाहिए। यही तपश्चर्या अंततः हमें निर्मलता प्रदान करती है।" गांधीजी को अर्पित की श्रद्धांजलि, विद्यार्थियों का सांस्कृतिक कार्यक्रम समारोह की शुरुआत महात्मा गांधीजी की प्रतिमा पर सूती माला अर्पित कर की गई। इसके बाद विद्यार्थियों ने "आगे आगे बढ़ना है तो हिम्मत हारे मत बैठो..." यह प्रेरणादायी गीत प्रस्तुत किया। गायत्री कदम, नेहा पावरा, शुभम खरे, प्रेमकुमार परचाके और गुलाबभाई ने मिलकर इस गीत से वातावरण में ऊर्जा भर दी। अध्ययन का लेखा-जोखा और विद्यार्थियों का अनुभव साझा मुकेश यादव, गुलाबभाई रामभाई और शिवम राठौड़ ने वर्षभर चले पाठ्यक्रम की गतिविधियों का विहंगम अवलोकन पावरपॉइंट प्रस्तुति के माध्यम से उपस्थित जनसमूह के समक्ष रखा। अकादमिक डीन डॉ. अश्विन झाला ने संस्थान की भूमिका तथा विद्यार्थियों को मिले शिक्षण अनुभव पर प्रकाश डाला। उन्होंने विद्यार्थियों को मानसिक गुलामी से मुक्त रहते हुए स्वतंत्र निर्णय क्षमता विकसित करने का आवाहन किया। इसके बाद विद्यार्थियों गुलाबभाई रामभाई, गायत्री कदम, यश मानेकर, नेहा पावरा, शुभम खरे, सुशीला बेठेकर और मुकेशकुमार यादव ने अपने मनोगत व्यक्त कर इस संपूर्ण शैक्षणिक यात्रा के दौरान आए अनुभव, चुनौतियों और बदलावों को साझा किया। नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने का संदेश मुख्य अतिथि एकता कोडे ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में प्रतिदिन कुछ नया सीखने का जज्बा बनाए रखें। उन्होंने कहा, "पदवी पाठ्यक्रम से प्राप्त सकारात्मक ऊर्जा को अपनी जीवन यात्रा को उच्च स्तर तक पहुँचाने का माध्यम बनाइए।" पदवी प्रदान और समापन समारोह के अंतिम सत्र में ऐश्वर्या तांबे, प्राजक्ता ढगे, फिरदोस बेगम, उमेश गुरनुले, अक्षय मानकर सहित कुल 13 विद्यार्थियों को विशिष्ट अतिथियों के हाथों डिग्री प्रदान किए गए। दीपक मिश्रा ने कार्यक्रम का सुंदर संचालन करते हुए आभार प्रदर्शन कर समारोह का समापन किया।

ज्ञानमार्ग से हृदय और आत्मा को सशक्त बनाएं : डॉ. सुदर्शन अय्यंगार

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