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जलगांव रेल दुर्घटना मे मारे गए 11 लोगों की हुई शनाख्त – उत्तर प्रदेश से 4 और नेपाल से 7 लोग शामिल – नेपाली परिवार के साथ घटी शर्मनाक घटना

Jalgaon – Kakar Wahid

पाचोरा तहसील के वडगांव बुद्रुक के पास हुए इस दुखद रेल हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 11 की पहचान हो गई है. दुर्भाग्य से मृतकों में एक पिता-पुत्र भी शामिल हैं. इस बीच, घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. गुरुवार 23 जनवरी को मृतकों के परिजन सरकारी अस्पताल में एकत्र हुए और अपने प्रियजनों की दुखद मौत पर सामूहिक आक्रोश और दुख व्यक्त किया. इस दुर्घटना में मारे गए लोगों की पहचान कर ली गई है जिनमें मैसारा नंदराम विश्वकर्मा (उम्र 30 से 40), लच्छी राम पासी (उम्र लगभग 40), कमला नवीन भंडारी (42), राधेश्याम राम अग्नुराड (उम्र लगभग 40), हिनू नंदराम विश्वकर्मा (उम्र 9 वर्ष) नंदराम पद्म विश्वकर्मा (उम्र लगभग 35 से 40), जौकला भट्टू जयगड़ी (लगभग उम्र 55 से 60, सभी नेपाल निवासी) बाबू खान मोहम्मद शफीखान (27), इम्ताज़ अली (34), शिवकुमार पृथ्वीराज चव्हाण (40), नसीरुद्दीन बदरुद्दीन सिद्दीकी (18) (सभी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं) तथा एक अज्ञात 35-40 वर्षीय पुरुष, जिसकी पहचान की पुष्टि नहीं हो पाई है शामिल हैं.

घायलों के नाम :

कमला विक्रम विश्वकर्मा (35), राकेश जयागड़ी (13), सुशील विक्रम विश्वकर्मा (8), करिश्मा विक्रम विश्वकर्मा (5), पीयूष मोहन जयागड़ी (19), रंगीलाल पासी (32), रघुबीर चंदेरी तेली (35), शौकत अली तेली (45), नूर मोहम्मद तेली (30), इमरान अली सिद्दीकी (25), रहमान अली सिद्दीकी (15), मोहम्मद समीर सिद्दीकी (32), रिजवान सिद्दीकी

मामूली रूप से घायल मरीज हैं: रामरंग पासी (23) इन सभी का इलाज सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में किया गया है.

इस दौरान इस दुखद रेल हादसे में 13 लोगों की जान चली गई. एक चायवाले की आग लगने की चेतावनी से अफरा-तफरी मच गई. जान के डर से यात्री ट्रेन से कूद गए, लेकिन दूसरी ट्रेन की चपेट में आकर उनकी मौत हो गई. यह दृश्य बहुत ही भयावह था, रेलवे ट्रैक पर लाशें बिखरी हुई थीं. कई लोगों ने अपनी आंखों के सामने अपने प्रियजनों की मौत देखी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, नेपाल की मूल निवासी कमला भंडारी अपनी बहू के साथ पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई जा रही थीं. जब ट्रेन में आग लगने की अफवाह फैली, तो कमला ने अपनी बहू को इसकी जानकारी दी और दोनों ने अफरा-तफरी के बीच ट्रेन से उतरने की कोशिश की लेकिन भीड़ में वे अलग हो गए. कमला ने एक तरफ ट्रैक से छलांग लगा दी, जबकि उनकी बहू राधा भंडारी दूसरी तरफ ट्रैक से कूद गईं.

घटना के बाद राधा ने अपनी सास कमला की तलाश शुरू की. वह कमला की बेजान लाश को रेल की पटरियों पर देखकर चौंक गई. कुछ ही पल पहले वे दोनों साथ थे और अब राधा को अपनी सास की मौत की भयावह सच्चाई का सामना करना पड़ा. राधा इस नुकसान से उबरने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कुछ बेरहम चोरों ने मौके का फायदा उठाकर उसका मोबाइल फोन और पर्स से नकदी चुरा ली. इससे उसकी परेशानी और बढ़ गई, वह सदमे में आ गई. घटना को याद करते हुए मुंबई के गोरेगांव की रहने वाली राधा भंडारी ने कहा कि बुधवार शाम को मैं और मेरी सास साथ में चाय पी रहे थे. जब हमने बोगी में आग लगने की आवाज सुनी, तो हम तुरंत उठ गए. मैं भीड़ के साथ ट्रेन से कूद गई, लेकिन मेरी सास दूसरी तरफ उतर गई. मैं उसे खोज रही थी, तभी मैंने बगल की पटरी पर उसकी बेजान लाश देखी. इस भयावह अनुभव को याद करते हुए राधा की आंखों में आंसू आ गए.

नेपाल की मूल निवासी कमला नवीन भंडारी मुंबई में रहती थीं. एक महीने पहले उनके ससुर का निधन हो गया था और वह उनके अंतिम संस्कार के लिए नेपाल गई थीं. वह पुष्पक एक्सप्रेस से लखनऊ से मुंबई लौट रही थीं, तभी यह दुखद दुर्घटना हुई. अपनी मां के निधन की खबर सुनकर कमला के बेटे तपेंद्र भंडारी मुंबई से जलगांव पहुंचे. वह फिलहाल अपनी मां के शव को अपने कब्जे में लेने की औपचारिकताएं पूरी कर रहे हैं लेकिन उनके सामने यह चुनौती है कि शव को नेपाल कैसे पहुंचाया जाए. तपेंद्र ने पत्रकारों से अपनी भावनात्मक कहानी साझा की, जो अपनी मां की याद से हिल गए. उन्होंने अपनी आखिरी बातचीत को याद किया, जो बुधवार को दोपहर 1:00 से 1:30 बजे के बीच हुई थी. उसने मुझे फ़ोन करके पूछा कि मैं कहां हूं. मैंने भी यही पूछा, और उसने कहा कि वह शायद भोपाल के आस-पास होगी. उसने कहा, ‘अपना ख़याल रखना, काम पर जाना. तपेंद्र की आँखें आँसू से भर आईं जब उन्होंने यह हृदय विदारक याद साझा की.

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