Nasik – Reporter
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल कथित तौर पर मंत्री पद न दिए जाने के कारण पार्टी से नाराज़ थे. लेकिन वे शिर्डी में राकांपा के नव संकल्प शिविर में अचानक पहुंचे और सुबह करीब 11 बजे एयरपोर्ट पहुंचे. काला चश्मा और कोट पहने भुजबल ने मीडिया और वहां मौजूद सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. कार्यक्रम में उनकी मौजूदगी के बारे में पूछे जाने पर भुजबल ने कहा कि वे साईं बाबा का आशीर्वाद लेने शिर्डी आए थे और उन्हें प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष का फोन आया था. उन्होंने यह भी बताया कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, इसलिए उन्होंने कोट पहना हुआ है. इस कदम को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इससे संकेत मिलता है कि भुजबल अपनी पिछली नाराज़गी के बावजूद अभी भी पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल शिर्डी में पार्टी के नव संकल्प शिविर में अचानक पहुंचे. जब उनसे उनकी उपस्थिति के बारे में पूछा गया तो भुजबल ने स्पष्ट किया कि वे इस कार्यक्रम में इसलिए शामिल हुए क्योंकि यह पार्टी का शिविर है, किसी व्यक्ति का शिविर नहीं. उन्होंने बताया कि प्रफुल्ल पटेल ने पिछले दिन उनसे मुलाकात की थी और उनकी उपस्थिति का अनुरोध किया था, जबकि राज्य अध्यक्ष सुनील तटकरे ने भी उनसे संपर्क किया था. भुजबल ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी उपस्थिति का मतलब यह नहीं है कि सभी मुद्दे हल हो गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अजित पवार ने उनसे संपर्क नहीं किया था और जब आगामी स्थानीय स्वशासन चुनावों में समता परिषद की संभावित भागीदारी के बारे में पूछा गया तो भुजबल ने सवाल टाल दिया.
भुजबल साहब संघर्ष करो की घोषणा :
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नव संकल्प शिविर में छगन भुजबल के पहुंचने पर उनके समर्थकों ने उत्साह के साथ उनका स्वागत किया, जिन्होंने भुजबल साहब, तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं जैसे नारे लगाए. समर्थकों का उत्साह साफ झलक रहा था, लेकिन अन्य राकांपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें शांत करने का प्रयास किया. भुजबल के आने पर सबकी निगाहें इस बात पर टिकी रहीं कि क्या वे अजित पवार से बातचीत करेंगे. बड़ा सवाल यह है कि क्या यह नव संकल्प शिविर भुजबल की शिकायतों को दूर करने में मदद करेगा. इस कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति को एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है, खासकर तब जब वे कथित तौर पर पार्टी से नाराज चल रहे थे. भुजबल के समर्थक उन्हें केंद्र में देखना चाहते हैं, और अजित पवार के साथ उनकी मुलाकात उनके मतभेदों को सुलझाने में एक महत्वपूर्ण क्षण हो सकता है.