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गर्मियों में बारिश का मौसम फसलों के लिए हानिकारक

Nasik – Staff Reporter

जिले में चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी की लहर ने अचानक मौसम में बदलाव ला दिया है, कुछ इलाकों में छिटपुट बारिश हुई है और आसमान में बादल छाए हुए हैं. इससे राहत मिली है, जिससे गर्मी के बीच में मानसूनी मौसम जैसा माहौल महसूस हो रहा है लेकिन यह मौसम परिवर्तन गेहूं, प्याज और चने जैसी फसलों के लिए हानिकारक हो सकता है जो पहले ही कट चुकी हैं और खेतों में पड़ी हैं. नमी के कारण सब्जियों और प्याज पर फफूंदजनित रोग लग सकते हैं, जिससे किसानों में चिंता बढ़ गई है.

वायुमंडल में द्रोणिका बनने के कारण मौसम विभाग ने 5 दिनों तक तूफानी हवाओं, गरज के साथ बादल छाए रहने और बेमौसम बारिश की संभावना जताई थी. 31 मार्च सोमवार को इस सीजन का सबसे अधिक 39.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था. एक महीने से चल रही भीषण गर्मी के बीच सोमवार को मौसम ने करवट बदली. येवला तहसील और मनमाड के कुछ हिस्सों में सोमवार रात छिटपुट बारिश हुई लेकिन सोमवार को दिनभर बादल छाए रहे, लेकिन गर्मी का असर बरकरार रहा. चिलचिलाती धूप और बढ़ते तापमान के कारण नागरिक पसीने से तरबतर हो गए. मनमाड और आसपास के इलाकों में सोमवार रात एक घंटे तक हल्की बारिश हुई. नाशिक शहर के कुछ इलाकों में सुबह-सुबह छिटपुट बारिश हुई, जबकि अन्य इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई.

मंगलवार को मौसम में काफी बदलाव आया, कई इलाकों में गर्मी कम हुई और आसमान में बादल छाए रहे. सूरज मुश्किल से दिखाई दिया और पूरे दिन घने बादल छाए रहे. मौसम में इस बदलाव ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि गेहूं, प्याज और चना जैसी फसलें अब कटाई के लिए तैयार हैं और कुछ इलाकों में कटाई शुरू भी हो चुकी है. बेमौसम बारिश इन फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है. लेकिन अंगूर की खेती करने वाले किसानों को मौसम में बदलाव से कोई खास नुकसान होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि अंगूर की कटाई का मौसम लगभग खत्म हो चुका है और अब सिर्फ एक छोटा सा क्षेत्र ही कटाई के लिए बचा है. कुछ इलाकों में हल्की-फुल्की बारिश से बहुत ज़्यादा नुकसान होने की संभावना नहीं है लेकिन बेमौसम बारिश के साथ-साथ तूफ़ानी हवाएं या ओले पड़ने से ज़्यादा ख़तरा है. आमतौर पर, अप्रैल में तूफ़ानी हवाओं के साथ बारिश होती है, जिससे बादल वाला मौसम चिंता का विषय बन जाता है. बादल वाले मौसम में प्याज़ और सब्ज़ियों की फ़सलों में कीट और रोग फैलने का ख़तरा होता है. कई इलाकों में कटाई का काम चल रहा है और कृषि विभाग के विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बारिश की वजह से भंडारित प्याज़ और गेहूँ भीग सकते हैं.

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