Nasik – Reporter
नाशिक कुंभ मेला 2027 के लिए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. लेकिन साधु-संतों के बीच नामकरण और शाही स्नान करने के अधिकार को लेकर विवाद छिड़ गया है. अब नाशिक में एक और विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि शरद पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के धड़े ने मांग की है कि नाशिक के मोदी मैदान का नाम बदला जाए. नाशिक में आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले का नाम बदलकर नाशिक-त्र्यंबकेश्वर कुंभ मेला कर दिया गया है, जैसा कि कुंभ मेला मंत्री गिरीश महाजन ने घोषणा की है. इस निर्णय से आयोजन के आसपास के नामकरण विवाद का आंशिक रूप से समाधान हो गया है लेकिन शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गुट द्वारा नाशिक में मोदी मैदान का नाम बदलने की मांग के साथ एक नया विवाद खड़ा हो गया है.
मोदी मैदान का नाम बदलें : शरद पवार के नेतृत्व में राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस ने नाशिक मनपा आयुक्त मनीषा खत्री को एक प्रस्ताव सौंपा है, जिसमें मांग की गई है कि तपोवन मैदान का नाम स्थायी रूप से कुंभ मेला मैदान रखा जाए, बिना किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति से जुड़े. इस कदम का उद्देश्य दुनिया भर के पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को स्पष्ट रूप से यह बताना है कि यह स्थल हर साल कुंभ मेले के उत्सव की शुरुआत का स्थान है. प्रस्ताव में यह भी अनुरोध किया गया है कि उस स्थान पर कुंभ मेला मैदान नाम का एक साइनबोर्ड लगाया जाए. यदि मनपा ऐसा करने में विफल रहता है, तो राष्ट्रवादी कांग्रेस ने नाम परिवर्तन को औपचारिक रूप देने के लिए उचित पूजा अनुष्ठानों का पालन करते हुए आंदोलन शुरू करने और खुद ही साइनबोर्ड लगाने की धमकी दी है. यह घटनाक्रम 2027 के नाशिक कुंभ मेले की चल रही तैयारियों को दर्शाता है, जिसमें भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है.
कुशावर्त जैसा पवित्र तालाब बनाएंगे: गिरीश महाजन : कुंभ मेला मंत्री गिरीश महाजन ने हाल ही में त्र्यंबकेश्वर नगर परिषद में साधु महंतों से मुलाकात की और आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा की. उन्होंने घोषणा की कि इस आयोजन में प्रयागराज की तुलना में 3 से 4 गुना अधिक भीड़ आने की उम्मीद है, दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की आवश्यकता पर बल दिया. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए महाजन ने साधुओं के स्नान के लिए कुशावर्त तीर्थ के समान एक नया पवित्र कुंड बनाने की योजना का खुलासा किया. यह नया कुंड अगले डेढ़ साल में बनकर तैयार होने की उम्मीद है. मंत्री की घोषणा का उद्देश्य सुरक्षित और सफल कुंभ मेला समारोह सुनिश्चित करना है.