Nasik – Waseem Raza Khan
महाराष्ट्र में पालक मंत्री के पोर्टफोलियो को लेकर गतिरोध जल्द ही सुलझ सकता है, क्योंकि इसके लिए नई समयसीमा तय की गई है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद गतिरोध टूटने की उम्मीद है. राज्य के शीर्ष तीन नेताओं के बीच बातचीत भी हो सकती है. इस बीच, पालक मंत्री पद को लेकर कुछ खींचतान चल रही है, शिवसेना ने इस विचार को सिरे से खारिज कर दिया है लेकिन मंत्री भरत गोगावले ने विधायक महेंद्र थोरवे और महेंद्र दलवी के साथ अजीत पवार से मुलाकात की, जिससे संरक्षक मंत्री पोर्टफोलियो पर नए सिरे से चर्चा शुरू हो गई. गोगावले ने कहा है कि अगले 2 दिनों में यह मुद्दा सुलझ जाएगा. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब महाराष्ट्र सरकार मुंबई, ठाणे, पुणे और अन्य जिलों सहित विभिन्न जिलों के लिए संरक्षक मंत्रियों की सूची की घोषणा करने वाली है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद महाराष्ट्र में पालक मंत्री के पद को लेकर गतिरोध जल्द ही सुलझने की उम्मीद है, पहले, यह अनुमान लगाया जा रहा था कि फडणवीस के दावोस दौरे से लौटने के बाद यह मुद्दा सुलझ जाएगा. सूत्रों के अनुसार सीएम फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार के बीच बैठक होने की संभावना है. इस बीच, नाशिक और रायगढ़ जिलों के लिए उप पालक मंत्री नियुक्त करने पर चर्चा चल रही थी, लेकिन शिवसेना ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. रायगढ़ में पालक मंत्री पद को लेकर शिवसेना दृढ़ है, जबकि नाशिक में गिरीश महाजन के समर्थकों ने भी पालक मंत्री पद के लिए दबाव डाला है. इसके अलावा भाजपा की भी नाशिक के पालक मंत्री पद के संबंध में मजबूत मांग है. इस वजह से सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री के समक्ष ही यह मुद्दा हल किया जाएगा. रायगढ़ के संबंध में राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से भी मजबूत मांग रखी गई है. नाशिक में शिवसेना और भाजपा के बीच गार्डियन मंत्री पद के लिए तनाव है, जबकि रायगढ़ में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच मतभेद उभरे हैं.